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आंधी-पानी और ओला से हुए नुकसान की 72 घण्टे के अंदर क्षति पूर्ति देने का निर्देश

सूचना जारी किया गया है कि अद्योहस्ताक्षरी कार्यालय में उक्त दावा को घोषित करते समय के मध्य ही दायर करें अन्यथा स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रशासन के इस निर्देश पर किसानों ने दावा प्रेषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 01:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 01:55 PM (IST)
आंधी-पानी और ओला से हुए नुकसान की 72 घण्टे के अंदर क्षति पूर्ति देने का निर्देश
आंधी-पानी और ओला से बर्बाद गेहूं की फसल, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। शुक्रवार  को आए आंधी पानी और ओलावृष्टि  के कारण सिद्धार्थनगर जनपद के बांसी तहसील क्षेत्र के घोसियारी, बेलौहा,सकारपर, गोल्हौरा, जिगनिहवा, चेतिया, तिलौली, मिठवल, डिड़ई, पथरा आदि क्षेत्रों में स्थित करीब डेढ़ सौ से अधिक गांवों के सिवानों में किसानों की खड़ी गेहूं , सरसों, मटर की फसल को नुकसान हुआ है। किसानों की इस समस्या को दैनिक जागरण ने अपने प्रमुखता से प्रकाशन किया था। जिसका संज्ञान लेते हुए जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने 72 घंटे के अंदर किसानों की बीमा युक्त फसलों की क्षतिपूर्ति देने के लिए बीमा कंपनी को निर्देशित किया है।

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बीमा कंपनी को यह विवरण देकर लें क्षतिपूर्ति

 जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि जिन किसानों की बीमा युक्त फसल क्षतिग्रस्त हो गई है वो 72 घंटे के अंदर क्षतिपूर्ति के दावा हेतु खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक के साथ जनपद में नामित बीमा कम्पनी यूनिवर्सल सोम्यो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के जिला समन्वयक अजय कुमार विश्वकर्मा के मोबाइल नम्बर 9450753586 पर दर्ज करा दें।  इसके साथ ही कृषकों के सहूलियतों को देखते हुए दो टोल फ्री नम्बर भी जारी किया गया है । मोबाइल नम्बर 18008896868, 18002005142 पर संपर्क करे।

समय से जरूर करें क्षतिपूर्ति का दावा, अन्‍यथा होगी परेशान

इस सम्बंध में और अधिक जानकारी किसान प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही सूचना जारी किया गया है कि अद्योहस्ताक्षरी कार्यालय में उक्त दावा को घोषित करते समय के मध्य ही दायर करें अन्यथा स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रशासन के इस निर्देश पर किसानों ने दावा प्रेषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बड़े कृषक राम राज त्रिपाठी, अभय कुमार पांडेय, राघव पांडेय, प्रदीप पांडेय, त्रियुगी चौधरी, राम फेर यादव आदि ने इसके लिए जागरण का आभार ज्ञापित किया है। उन्‍होंने कहा है कि हम किसान नाउम्‍मीद हो गए थे, कुछ सूझ नहीं रहा था, अब उम्‍मीद है कि फसलों की क्षतिपूर्ति समय से मिल जाएगी। 


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