अब ऐसे होगी थानेदारों की पोस्टिंग, सभी जनपदों में आरक्षण नीति पालन करने के निर्देश Gorakhpur News
कई जनपदों में थानेदारों की पोस्टिंग में आरक्षण कोटे का पालन नहीं किया जा रहा है। सभी जनपदों में 21 फीसद थानेदार अनुसूचित जाति व दो फीसद थानेदार अजजा के नियुक्त होने चाहिए।
गोरखपुर, जेएनएन। उप्र अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने थानेदारों की पोस्टिंग में आरक्षण नीति के पालन का निर्देश दिया। कहा कि कई जनपदों में थानेदारों की पोस्टिंग में आरक्षण कोटे का पालन नहीं किया जा रहा है, यह स्थिति ठीक नहीं है। सभी जनपदों में 21 फीसद थानेदार अनुसूचित जाति व दो फीसद थानेदार अनुसूचित जनजाति के नियुक्त किए जाएं।
सर्किट हाउस में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में कहार, कुम्हार, भुर्जी व तुरहा जाति के लोग पिछड़ी जाति में आते हैं। इन जाति के लोगों ने गोंड, खरवार व तुरैहा जाति जो अनुसूचित जाति व जनजाति में आती है, का जाति प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाकर सरकारी नौकरियां भी प्राप्त कर ली हैं।
कुशीनगर व देवरिया में खरवार जाति के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र का धंधा
उन्होंने बताया कि कुशीनगर व देवरिया में खरवार जाति के नाम पर गैर अनुसूचित जाति व जनजाति के जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं जबकि इन जिलों में इनकी संख्या नगण्य है। उन्होंने डीएम को ऐसे सभी मामलों की जांच का निर्देश दिया। कहा कि जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने का आधार कुटुंब रजिस्टर व शैक्षिक संस्थानों की टीसी को माना जाए। जांच के दौरान जो भी प्रमाण पत्र फर्जी मिले, उसे तत्काल निरस्त करते हुए दोषियों के विरुद्ध एफआइआर कराई जाए। बैठक में एडीजी जय नारायण सिंह, डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन, एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी एसके तिवारी, समाज कल्याण अधिकारी सप्तऋषि समेत अन्य जनपदों के संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
पांच गुना तक बढ़ी सहायता राशि
बृजलाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एससी-एसटी को मिलने वाली सहायता राशि में चार से पांच गुना तक बढ़ोत्तरी हो गई है। मारपीट के मामलों में एक लाख रुपये जबकि बलात्कार के मामलों में 50 हजार रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये तक कर दी गई है। सामूहिक बलात्कार व हत्या के प्रकरण में यह राशि सवा आठ लाख रुपये हो गई है। उन्होंने बताया कि हत्या, मृत्यु, डकैती, बलात्कार व अस्थायी अक्षमता के पीडि़तों को सहायता राशि के अलावा अत्याचार की तारीख से तीन माह के भीतर पेंशन, शिक्षा व घर खर्च दिए जाने की व्यवस्था है।
बृजलाल ने सुनीं लोगों की समस्याएं
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने सर्किट हाउस में लोगों की समस्याएं सुनीं और निस्तारण का आश्वासन दिया। कुछ मामलों को लेकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों से बात की और तत्काल निस्तारण का प्रयास किया। इससे पहले सर्किट हाउस के मुख्य द्वार पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा की महानगर इकाई के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। स्वागत करने वालों में हरिनाथ भाई, महानगर अध्यक्ष कृष्ण कुमार, क्षेत्रीय महामंत्री अनुराग मझवार, जितेंद्र चौधरी जीतू, अमृत लाल भारती, राम दुलारे, नरेंद्र कुमार महंता, नेहा मणि आर्या, निहारिका त्रिपाठी, अनिल कुमार, सुनील पासवान, सिद्ध कुमार सिद्ध आदि शामिल रहे।