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घायल तेंदुए का गोरखपुर में हो रहा इलाज, जानिए कैसे हुआ था घायल Gorakhpur News

बहराइच वन प्रभाग में घायल मिले माता तेंदुए को उपचार के लिए शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान लाया गया। प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सकों की टीम ने उसका उपचार शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के धारदार हमला करने से तेंदुए की शरीर पर कई जगह चोटें आई थीं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 05:57 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 05:57 PM (IST)
घायल तेंदुए का गोरखपुर में हो रहा इलाज, जानिए कैसे हुआ था घायल Gorakhpur News
चिडिय़ाघर के पशु चिकित्सालय में बहराइच से लाया गया तेंदुआ। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : बहराइच वन प्रभाग में घायल मिले माता तेंदुए को उपचार के लिए शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान (चिड़‍ियाघर) लाया गया। प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सकों की टीम ने उसका उपचार शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के धारदार हमला करने से तेंदुए की शरीर पर कई जगह चोटें आई थीं। नाक पर गहरा जख्म बन गया था। पशु चिकित्सकों ने नाक पर सात टांके लगाए हैं। शुरुआती उपचार के बाद प्राणि उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह ने तेंदुए की हालत में सुधार बताया है।

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आबादी के बीच पहुंच गया था तेंदुआ

बहराइज वन प्रभाग के नानपार रेंज में सात अप्रैल को तेंदुआ जंगल से भटक कर आबादी वाले इलाके में पहुंच गया था। उसके हमले में खेतों में काम कर रहे कई किसान घायल हो गए थे। बाद में ग्रामीणों ने तेंदुआ भी गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे बहराइच वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह और डा. दक्ष गंगवार तेंदुओं को अपनी सुरक्षा में ले लिया। उन्होंने इसकी जानकारी प्रधान मुख्य वन्यजीव संरक्षक पवन कुमार शर्मा को दी। प्रधान मुख्य वन्यजीव संरक्षक ने तेंदुए को उपचार के लिए गोरखपुर प्राणि उद्यान ले जाने का निर्देश दिया।

तेंदुए को अर्धबेहोशी की हालत में लाकर किया गया उपचार

बहराइज के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह और डा. गंगवार की देखरेख में वन विभाग की टीम गुरुवार को सुबह आठ बजे तेेंदुए को साथ लेकर गोरखपुर प्राणि उद्यान पहुंची। चिड़‍ियाघर के वन्यजीव चिकित्सालय में चिड़‍ियाघर के निदेशक डा. एच राजामोहन की मौजूदगी में पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह की टीम ने तेंदुए को दवा देकर अर्द्धबेहोशी की हालत में लाने के बाद उपचार शुरू किया। करीब दो घंटे तक उपचार चला। उपचार के बाद तेंदुए के होश में आने तक चिकित्सकों की टीम वन्यजीव अस्पताल में जमी रही। डा. योगेश ने बताया कि तेंदुए पर नजर रखी जा रही है। उसके ठीक होने के बाद चिड़‍ियाघर में ही रखा जाएगा। पहले से चिड़‍ियाघर में मौजूद तेदुओं नारद और मौनी का नया साथी बनेगा।


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