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Coronavirus: संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में पहुंचा इंजेक्शन Gorakhpur News

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के छह डोज दिए जाते हैं। इससे गंभीर मरीज ठीक हो सकेंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:30 AM (IST)
Coronavirus: संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में पहुंचा इंजेक्शन Gorakhpur News
Coronavirus: संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में पहुंचा इंजेक्शन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना मरीजों के लिए खुशखबरी है। अभी तक बाजार से खरीदनी पड़ रही कोरोना की अच्छी दवा अब बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों को मुफ्त मिलेगी। 75 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन शासन ने भेज दिया है। इसका बाजार मूल्य 3600 से 4000 के बीच है।

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काफी पहले से बाजार में उपलब्ध

यह इंजेक्शन लगभग 20 दिन पहले से बाजार में उपलब्ध है। कीमत  अधिक होने से गरीब मरीजों के इसे खरीदना मुश्किल था, हालांकि दवा विक्रेता समित ने प्रिंट मूल्य से कम पर उपलब्ध कराने का वादा किया था। अब शासन द्वारा मेडिकल कॉलेज को भेजे गए इस इंजेक्शन से गरीबों मरीजों का भी आसानी से इलाज संभव हो सकेगा। पिछले दिनों इस इंजेक्शन के कालाबाजारी की शिकायत मिली थी तो शासन ने औषधि विभाग को इस पर नजर रखने का निर्देश दिया था। मेडिकल कॉलेज के टीबी एवं चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी मिश्रा का कहना है कि कि इस इंजेक्शन के अभी तक कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं। गंभीर मरीजों के लिए यह बहुत ही कारगर है।

छह डोज में ठीक हो सकेंगे गंभीर मरीज

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के छह डोज दिए जाते हैं। पहले दो डोज 200-200 एमजी के हैं। इसके बाद 100-100 एमजी के चार डोज दिए जाते हैं। इस तरह से छह डोज में गंभीर मरीज ठीक हो सकेंगे। एक डोज की कीमत करीब पांच से छह हजार के बीच पड़ रही है। लेकिन कॉलेज प्रशासन इसे निश्शुल्क उपलब्ध कराएगा।

कोरोना वार्ड के कर्मचारियों को मिले भोजन के पैकेट से बदबू

बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में बासी व बदबूदार खाना देखकर रात कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने भोजन करने से इन्कार कर दिया। कोरोना वार्ड में तैनात कर्मचारियों को खाने के जो पैकेट दिए गए, उससे बदबू आ रही थी। चावल, दाल व सब्जी तीनों का स्वाद खराब था। रोटी सूखकर चुकी थी। रात में ड्यूटी कर रहे नर्सों ने खाना खाने से इन्कार कर दिया। नर्सों के समर्थन में वार्ड ब्वॉय, स्वीपर समेत दूसरे कर्मचारी भी आ गए। सभी ने एक स्वर से खाने को वापस करने की बात कही। रात में ही मामले की शिकायत सभी वरिष्ठों से की गई। खाने के पैकेट की फोटो अधिकारियों को वाट्सएप पर भेजी गई। केवल कर्मचारियों को ही नहीं, मरीजों को भी वही भोजन का पैकेट मिला। रविवार को कुल 191 मरीज भर्ती थे। दो सौ बेड के वार्ड में लगभग 50 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। अधिकारी मामले को निपटाने में लगे रहे। 


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