North Eastern Railway: स्टेशन पर पहुंचते ही जिले की विशेषता के बारे में हो जाएगी जानकारी
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर को ही लें। वीआइपी गेट पर प्रवेश करते ही गोरखपुर की पहचान टेराकोटा की गैलरी बरबस ही यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करने लगते हैं। दीवारों पर पर्यटक स्थलों के मानचित्र पर्यटकों को लुभाते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। प्लेटफार्मों पर कदम पड़ते ही माटी की महक सांसों में घुल जाएगी। दीवारों पर नजर पड़ते ही पता चल जाएगा किस महापुरुष की धरती पर उतरे हैं। दरअसल, रेलवे स्टेशनों का ऐसा विकास हो रहा कि परिसर में पहुंचने वाले पर्यटकों को क्षेत्र की मान्यताओं, परंपराओं और विशेषताओं का एहसास हो सके।
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर को ही लें। वीआइपी गेट पर प्रवेश करते ही गोरखपुर की पहचान टेराकोटा की गैलरी बरबस ही यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करने लगते हैं। दीवारों पर पर्यटक स्थलों के मानचित्र पर्यटकों को लुभाते हैं। परिसर की दीवारों पर गुरु गोरक्षनाथ, गीता प्रेस और रामगढ़ताल से संबंधित चित्रों को भी उकरने की तैयारी चल रही है। बढऩी में बुद्ध के जीवन से जुड़ी गाथाओं को मुराल पेंङ्क्षटग से प्रदर्शित किया गया है। कबीर की निर्वाण स्थली मगहर को आदर्श स्टेशन के रूप में स्थापित किया गया है। स्टेशन भवन को कबीर दास की समाधि स्थली की तर्ज पर तैयार किया गया है। स्टेशन के अंदर दीवारों पर कबीर के दोहों को लिखा गया है। ताकि, पहुंचने वाले यात्रियों को कबीर की धरती का अहसास हो सके। सिवान स्टेशन परिसर की दीवारों पर मधुबनी पेंटिग्स समृद्ध हो रही है। इस भारतीय कला को देख यात्रियों की सारी थकान दूर हो जाती है। मन को सुकून मिलता है। मंडुआडीह स्टेशन को पर्यटन की ²ष्टि से अति आधुनिक स्वरूप दिया गया है। वाराणसी में कदम पड़ते ही बाबा काशी विश्वनाथ और मां गंगा का दर्शन हो जाता है। मथुरा छावनी स्टेशन दर्शनीय बना है। अयोध्या के निकट कटरा का कायाकल्प शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशन पर्यटन की ²ष्टि से ही विकसित किए जाएंगे।
गोरखपुर में दिखेगी गोरखनाथ मंदिर की झलक
रेलवे स्टेशनों के मुख्य प्रवेश द्वार स्थानीय धार्मिक और पर्यटन स्थलों की तर्ज पर तैयार करने की भी योजना है। ताकि, स्टेशन परिसर में प्रवेश करते ही यात्रियों को क्षेत्रीयता का बोध हो सके। गोरखपुर के मुख्य द्वार पर गोरखनाथ मंदिर की झलक दिखेगी। प्रवेश द्वार को मंदिर का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। गोरखपुर की तरह अन्य स्टेशनों के गेट भी क्षेत्र की पहचान दिलाएंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि पर्यटन को बढ़ावा देने में रेलवे का अहम योगदान है। पूर्वोत्तर रेलवे कई महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ता है। कार्बेट नेशनल पार्क, दुधवा नेशनल पार्क, वाल्मीकिनगर, टाइगर रिजर्व, नैनीताल जैसे मनोरम स्थल अथवा राम, कृष्ण, बुद्ध, गोरक्षनाथ और कबीर दास की धरती को जोड़ती पूर्वोत्तर रेलवे बेहतर यात्रा सुविधा उपलब्ध कराता है। स्टेशनों के भवनों को स्थानीय स्थलों को ध्यान में रख कर बनाया जा रहा है।