संक्रामक रोगियों की जेल में होगी अलग बैरक
गोरखपुर: गर्मी के मौसम में संक्रामक रोगों से पीड़ित रोगियों के लिए जेल में अलग से बैरक
गोरखपुर: गर्मी के मौसम में संक्रामक रोगों से पीड़ित रोगियों के लिए जेल में अलग से बैरक निर्धारित होगी। बंदियों को स्वस्थ्य रखने के लिए नियमित मेडिकल चेकअप कराया जाएगा। बीमार बंदियों की बकायदा फाइल तैयार की जाएगी और शासन में बीमार बंदियों की रिपोर्ट भेजी जाएगी।
यूपी की जेलों में क्षमता से अधिक बंदी होने के कारण गर्मी के समय में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं। गोरखपुर कारागार में 1812 बंदी जेल में बंद हैं। ऐसे में बैरकों में चेचक, आईफ्लू, चिकनपॉक्स, इनफ्लुएंजा, कुष्ठ रोग, टीवी आदि बीमारियों के फैलने का खतरा होता है।
संक्रमण रोकने के लिए शासन ने निर्देश दिया है। बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी बंदियों का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। संक्रमण रोग की पुष्टि होते ही उन्हें अलग बैरक में कर दिया जाएगा, ताकि संक्रमण की बीमारी अन्य बंदियों को बचाया जा सके। बीमार बंदियों का लेखा जोखा स्वास्थ्य टीम तैयार करेगी। विशेषज्ञ चिकित्सक की निगरानी में उन्हें रखा जाएगा। बीमार बंदियों की संख्या, बीमारी और दवाई के जिक्र का रिपोर्ट तैयार कर हर महीने शासन में भेजा जाएगा। आमतौर पर बीमारी का बहाना बनाकर जेल अस्पताल में कुछ बंदी आराम फरमाते है,ऐसे बंदियों पर नकेल कसी जा सकती हैं। जेल में बंदियों की मौत के बाद परिजनों की ओर से लापरवाही के आरोप से भी बचा जा सकता है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. रामधनी प्रसाद ने कहा कि गर्मी में चर्म रोग का खतरा सबसे अधिक होता है। जेल अस्पताल के अलावा अलग से बैरक की व्यवस्था की जाएगी। बंदियों का नियमित मेडिकल चेकअप होता है।