काकटेल वैक्सिनेशन की जांच करने पहुंची आइसीएमआर
काकटेल वैक्सिनेशन के प्रभाव-दुष्प्रभाव और एंटीबाडी बनने की जांच करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की टीम शुक्रवार को औदही कलां गांव में पहुंची। यहां 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड और 14 मई को दूसरी डोज में कोवैक्सीन लगी थी।
सिद्धार्थनगर: काकटेल वैक्सिनेशन के प्रभाव-दुष्प्रभाव और एंटीबाडी बनने की जांच करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की टीम शुक्रवार को औदही कलां गांव में पहुंची। यहां 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड और 14 मई को दूसरी डोज में कोवैक्सीन लगी थी। नई दिल्ली के निर्देश पर पहुंची गोरखपुर के डाक्टरों की टीम ने सभी 20 लोगों के खून का नमूना लिया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी क्षेत्र के औदही कला के 20 व्यक्तियों को वैक्सिनेशन के दौरान पहली और दूसरी डोज अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन की लगा दी गई थी। पहले मामले को दबाने की कोशिश हुई। मीडिया तक मामला पहुंचा तो जांच टीम बनाकर चुप्पी साध ली गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिद्धार्थनगर दौरे से एक दिन पहले मामला सुर्खियों में आया, तब आननफानन एएनएम को निलंबित कर केंद्र प्रभारी को हटाया गया था।
तब तक मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व नीति आयोग तक पहुंच गया। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के निर्देश पर डा. गौरव, डा. राजीव और उनके दो सहायक गांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि नमूने लेकर जांच की जाएगी और इसे काकटेल वैक्सीन पर होने वाली रिसर्च में शामिल किया जाएगा। इम्युनिटी, एंटीबाडी कितनी बढ़ी, इसकी भी जांच की जाएगी। टीम के साथ डिप्टी सीएमओ डा. एके आजाद, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बढ़नी डा.धीरेंद्र चौधरी, एमएनए जयशंकर दूबे भी सैंपलिंग के दौरान मौजूद रहे। टीकाकरण की गड़बड़ी में तीन पर हो चुकी है कार्रवाई
इस मामले में केंद्र प्रभारी डा. शिवेष्ट पटेल, को हटाते हुए एनएनएम कलावती को निलंबित कर दिया गया था। ब्लाक कोल्ड चेन प्रभारी शांति सिंह से 50 वैक्सीन गायब करने पर इसकी कीमत वसूली का आदेश जांच के बाद किया जा चुका है।