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दीवार बन के खड़ी हुई सरहद, सूनी रहेगी भाई की कलाई Gorakhpur News

महराजगंज के डीएम डा. उज्ज्वल कुमार के अनुसार कोरोना के चलते दोनों देशों की सहमति के बाद भारत नेपाल सीमा से लोगों का आवागमन बंद किया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 07:01 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 07:01 PM (IST)
दीवार बन के खड़ी हुई सरहद, सूनी रहेगी भाई की कलाई Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। भाई-बहन के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर इस बार भारत- नेपाल की सरहद दीवार बन के खड़ी हो गई है। लाख प्रयास के बाद भी रक्षा बंधन पर्व पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाएंगी। भारत व नेपाल के बीच सदियों से चल रहे रोटी-बेटी के रिश्ते में सरहद कभी बांधा नहीं बनी थी। लोग सुगमता से एक दूसरे देश में जाकर हर रस्मो- रिवाज को पूरा करते थे। रक्षा बंधन पर्व पर तो सीमा गुलजार रहती थी। एक दूसरे देश में लड़के- लड़कियों की शादी होने के कारण बहनें सीमा पार घर पहुंच कर भाइयों की कलाई सजाती थीं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मार्च से सीमा सील होने से उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें। सोनौली सीमा के रास्ते सिर्फ मालवाहक वाहनों के संचालन की अनुमति दी गई है। नेपाल सीमा से सटे ठूठीबारी, झुलनीपुर, बरगदवा, परसामलिक, भगवानपुर बार्डर पूरी तरह से सील है। 

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क्या कहतीं हैं बहनें

नेपाल के रुपनदेही जिले के धकधई निवासी अनीता त्रिपाठी की शादी महराजगंज जनपद के नौतनवा कस्बे में हुई है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष रक्षाबंधन पर्व से पहले ही भाई के घर पहुंच जाती थी, लेकिन इस बार सीमा सील होने के कारण भाई को राखी नहीं बांध पाएंगी। इसका पछतावा आजीवन रहेगा। नेपाल के जिला नवलपरासी के ग्राम हरदी निवासी ऊषा देवी का मायका भारत में महराजगंज जनपद के नौतनवा क्षेत्र के ग्राम जारा में है। उन्होंने बताया कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी रक्षाबंधन पर्व पर भाई को राखी न बांध पाईं हों।  सीमा सील होने के कारण वह इस बार भाई प्रदीप को राखी बांधना संभव नहीं दिख रहा है। सोनौली ग्राम नौनिया निवासी उर्मिला देवी का ननिहाल रूपनदेही जिले के सगुनी गांव में है। उन्हें आस थी कि कोरोना काल रक्षाबंधन से पहले खत्म हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब चिंता सता रही है कि भाई तक राखी कैसे पहुंचाएं। नेपाल के बुटवल की रहने वाली विशाखा पाठक की शादी नौतनवा में हुई है। उन्होंने बताया कि सीमा सील होने के कारण इस बार भाई को राखी बांध पाना संभव नहीं लग रहा है। कोरोना काल में भाई को राखी ना बांध पाने का बहुत अफसोस रहेगा।

आवागमन का निर्णय दोनो देशों के अधिकारियों के सहमति से ही संभव

महराजगंज के डीएम डा. उज्ज्वल कुमार के अनुसार कोरोना के चलते दोनों देशों की सहमति के बाद भारत नेपाल सीमा से लोगों का आवागमन बंद किया गया है। सोनौली के रास्ते सिर्फ मालवाहक वाहनों के प्रवेश की अनुमति है। आवागमन के संबंध में जो भी निर्णय होगा,  दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक के बाद ही लिया जाएगा। 


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