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केंद्रीय कर्मचारियों के इस अस्‍पताल में 15 दिन से दवाएं खत्म, लौट रहे मरीज Gorakhpur News

इस संबंध में भी एडिशनल डायरेक्टर को पत्र लिखा गया है। अभी लोकल केमिस्ट से बातचीत चल रही है। उम्मीद है एक सप्ताह में कोई न कोई हल जरूर निकल आएगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 09:12 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 09:12 PM (IST)
केंद्रीय कर्मचारियों के इस अस्‍पताल में 15 दिन से दवाएं खत्म, लौट रहे मरीज Gorakhpur News
केंद्रीय कर्मचारियों के इस अस्‍पताल में 15 दिन से दवाएं खत्म, लौट रहे मरीज Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए स्थापित सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) का अस्पताल दवा विहीन हो गया है। लोकल केमिस्ट ने दवा की सप्लाई करने से मना कर दिया है। यहां सेवारत व सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों का निश्शुल्क इलाज होता है। ऐसे में दवा के अभाव में मरीज वापस लौट रहे हैं। यह स्थिति लगभग 15 दिन से है। बाहर से दवा खरीदने पर उसका भुगतान नहीं होता है, इसलिए मरीज और परेशान हैं।

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दवाओं की सप्लाई करने में लोकल केमिस्ट असमर्थ

सीजीएचएस अस्पताल की इंचार्ज डॉ. नीलिमा रुंगटा ने बताया कि गत 31 मार्च को लोकल केमिस्ट का कांट्रैक्ट समाप्त हो गया था, फिर छह माह के लिए कांट्रैक्ट पुन: बढ़ाया गया था जो 30 सितंबर को समाप्त हो गया। एक अक्टूबर से उसे री-न्यू करने का आदेश आया है, लेकिन लोकल केमिस्ट ने दवाओं की सप्लाई करने में असमर्थता जता दी है। इस संबंध में भी एडिशनल डायरेक्टर को पत्र लिखा गया है। अभी लोकल केमिस्ट से बातचीत चल रही है। उम्मीद है एक सप्ताह में कोई न कोई हल जरूर निकल आएगा। यदि सहमति नहीं बनी तो दूसरे केमिस्ट का सहयोग लिया जाएगा।

25 को धरना-प्रदर्शन की तैयारी

भारतीय पेंशनर मंच की गोरखपुर इकाई ने एडिशनल डायरेक्टर व इंचार्ज सीजीएचएस को नोटिस भेजकर शीघ्र दवाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। ऐसा नहीं होने की दशा में मंच ने आगामी 25 अक्टूबर को सीजीएचएस कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

क्‍या कहते हैं सेवानिवृत कर्मचारी

दूरदर्शन के सेवानिवृत्त कार्यक्रम अधिशासी बच्‍चू लाल का कहना है कि सीजीएचएस में दवाएं खत्म हो गई हैं। लोकल केमिस्ट ने दवा की सप्लाई करने से मना कर दिया है। एक अक्टूबर से ही हम लोगों को दवाएं खरीदनी पड़ रहीं हैं।आकाशवाणी के सेवानिवृत्त कार्यक्रम अधिशासी केसी गुप्ता का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों को जीवन रक्षक दवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। यदि जरूरत पर हम दवाएं बाहर से खरीद लें तो उसका भुगतान भी नहीं होता है। भारतीय पेंशनर मंच के अध्यक्ष लालजी प्रसाद का कहना है कि दवाओं की कमी से वरिष्ठ नागरिक परेशान हैं। डॉक्टर पर्चे पर केवल दवा लिख दे रहे हैं, मजबूरी में हमें सारी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर सतीश चंद्र राय का कहना है कि हम लोगों के लिए दवाओं का एकमात्र सहारा सीजीएचएस है। यहां पंद्रह दिन से दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। हमारी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।


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