अभिनंदन की तरह वापस करना होगा पीओके, भारत को ऐसे मिलेगा पाक अधिकृत कश्मीर Gorakhpur News
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीओके पर पाक को सहमत होने का तरीका ढूंढना है और हमें पाने का। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मुद्दे पर स्पष्ट कर दिया है!
गोरखपुर, जेएनएन। पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) भारत का अभिन्न अंग है। ऐतिहासिक, वैधानिक व संवैधानिक तीनों ही रूप से पीओके हमारा है और हमें जरूर मिलेगा। इसमें भूमिका होगी हमारे प्रभाव, दबाव व विकास की राजनीति की। केंद्र सरकार ने दबाव का रास्ता तय किया है। उम्मीद है कि जिस तरह से पाक से अभिनंदन की वापसी हुई थी, ठीक उसी तरह ससम्मान पीओके की भी वापसी होगी। यह बातें दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष व अधिष्ठाता कला संकाय प्रो.श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कही। वह सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में 'जागरण विमर्श कार्यक्रम में पीओके हासिल करने के उपाय विषय पर बोल रहे थे।
पांच अगस्त 2019 के पूर्व कश्मीर 'मुद्दा था अब हो गया 'विषय
उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 के पूर्व कश्मीर 'मुद्दा था अब 'विषय है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीओके पर पाक को सहमत होने का तरीका ढूंढना है और हमें पाने का। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मुद्दे पर स्पष्ट कर दिया है कि हम समस्याओं को न तो पालते हैं और न ही टालते हैं। ऐसे में संभावना है कि इसी सरकार के शासनकाल में हम पाक से अपना भू-भाग हासिल करने में सफल होंगे।
परिस्थितियां स्वयं हल निकालेंगी
यदि पीओके समस्या का हल आसानी से नहीं निकला तो परिस्थितियां स्वयं इसका हल निकाल लेगी, जो पाक के लिए हितकर नहीं होगा। पीओके हासिल करने के लिए मानवीय व प्राकृतिक तरीका भी है। मानवीय तरीका के तहत पाक सहमत हो तो वह अधिकृत भू-भाग को बाजार मूल्य पर भारत को लौटा सकता है। इससे उसकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। जबकि प्राकृतिक तरीका अपनाकर हिंदुस्तान जब चाहे पीओके ले सकता है। इन सभी के अलावा अंतिम रास्ता यह है कि भारत जम्म-कश्मीर का इतना अधिक विकास करे कि पीओके में रह रहे लोग भी भारत के साथ आने के लिए विवश हो जाएं। क्योंकि कोई अशांत व अविकसित होना नहीं चाहता।
नाभिकीय लकवा का शिकार हो जाएगा पाक
पाक के कुछ नेता नाभिकीय संघर्ष की धमकी देते हैं। उन्हें यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि यदि उन्होंने ऐसा प्रयास किया तो उनके नाभिकीय हथियार सक्रिय होने से पहले निष्क्रिय हो जाएंगे और पाकिस्तान नाभिकीय लकवा (न्यूक्लियर पेरेलाइसिस) का शिकार हो जाएगा। फिर उसे ठीक होने में कई वर्ष लग जाएंगे।
पीओके पर भारत कैसे करे पाक से बात
पीओके मसले पर भारत आखिर पाक से कैसे और किससे बात करे। क्योंकि पाकिस्तान में एक ऐसी सरकार है जिसका कोई आधार नहीं है। वहां की सेना, जिसका सरकार पर नियंत्रण है वह सरकार नहीं है। जिस पर इन दोनों यानी सरकार व सैन्य तंत्र का भरोसा है अर्थात आतंकवादी समूह, उसके पास वैधानिक आधार नहीं है।