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MMMUT की अनूठी पहल, यहां श‍िक्षक ही नहीं छात्र भी देंगे श‍िक्षकों को नंबर

MMMUT Gorakhpur मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों की अध्यापन प्रणाली का मूल्यांकन कराने जा रहा है। यह मूल्यांकन कोई और नहीं बल्कि उनके छात्र ही करेंगे। वह बाकायदा अपने गुरुओं को पांच बिंदुओं पर नंबर देंगे। छात्रों द्वारा दिया गया नंबर शिक्षकों की प्रोन्नति का आधार भी बनेगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 08:30 AM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 08:30 AM (IST)
MMMUT की अनूठी पहल, यहां श‍िक्षक ही नहीं छात्र भी देंगे श‍िक्षकों को नंबर
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। - फाइल फोटो

गोरखपुर, डा राकेश राय। अपनी अध्यापन व्यवस्था की खामियों को जानने और उसे दूर करने के लिए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने न केवल एक योजना बनाई है बल्कि उसे धरातल पर उतारने की तैयारी भी शुरू कर दी है। योजना के तहत विश्वविद्यालय शिक्षकों की अध्यापन प्रणाली का मूल्यांकन कराने जा रहा है। यह मूल्यांकन कोई और नहीं बल्कि उनके छात्र ही करेंगे। वह बाकायदा अपने गुरुओं को पांच बिंदुओं पर नंबर देंगे। छात्रों द्वारा दिया गया नंबर शिक्षकों की प्रोन्नति का आधार भी बनेगा।

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एमएमएमयूटी करने जा रहा है शिक्षकों के मूल्यांकन की व्यवस्था

इस व्यवस्था से छात्रों का कोई नुकसान न हो, इसके लिए नंबर देने की व्यवस्था आनलाइन की जा रही है। इस व्यवस्था में छात्रों के नाम गोपनीय रखे जाएंगे, जिससे उन्हें कम नंबर देने पर बाद में शिक्षकों का कोपभाजन न बनना पड़े। छात्रों को अपने गुरु के मूल्यांकन का अवसर हर सेमेस्टर में दो बार मिलेगा। एक बार वह सेमेस्टर के बीच में मूल्यांकन करेंगे और दूसरी बार परीक्षा से ठीक पहले। जिससे समय रहते ही अध्ययन प्रणाली में सुधार किया जा सके और अगले सेमेस्टर से ही छात्रों को इसका लाभ मिलने लगे। नंबर देने का पूर्णांक 150 होगा। मूल्यांकन के अलग-अलग मानक तय किए हैं, जिससे शिक्षक के मूल्यांकन का कोई पहलू छूटने न पाए। हर पहलू के लिए अलग-अलग नंबर निर्धारित किए गए हैं।

मूल्यांकन के लिए निर्धारित किए गए हैं पांच बिंदु

शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए पांच बिंदु निर्धारित किए गए है। पहला टाइम मैनेजमेंट है। इसमें यह देखा जाएगा कि शिक्षक कक्षा में समय से पहुंचते हैं या नहीं। दूसरे बिंदु में छात्र इस बात का मूल्यांकन करेंगे कि शिक्षक का कंटेंट मैनेजमेंट कैसा है। वह विषय से जुड़े कितना अतिरिक्त तथ्य छात्रों को उपलब्ध करा रहे हैं। डिलिवरी मैनेजमेंट में यह देखा जाएगा कि शिक्षक अपनी बात को बेहतर ढंग से छात्र तक रख पा रहे हैं कि नहीं। समस्या निस्तारण चौथा पहलू होगा, इसमें यह देखा जाएगा कि छात्र की अध्ययन से जुड़ी समस्या का निस्तारण शिक्षक कितनी तत्परता से कर रहे हैं या उसे कितना तवज्जो दे रहे हैं। पांचवां व अंतिम बिंदु मानवता से जुड़ा है। इसमें छात्र इस आधार पर मूल्यांकन करेगा कि उनके शिक्षक छात्रों की सहायता के लिए किस हद तक तत्पर रहते हैं। जिस शिक्षक को छात्र 6्र0 फीसद से अधिक अंक देंगे, वह मानक पर खरा पाया जाएगा।

यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) और एआइसीटीई (आल इंडिया काउंसिल और टेक्निकल एजुकेशन) ने भी करियर एडवांस स्कीम के तहत शिक्षकों के मूल्यांकन का मानक निर्धारित किया है। इसी क्रम में छात्रों द्वारा शिक्षकों के मूल्यांकन की व्यवस्था की जा रही है क्योंकि छात्रों से बेहतर शिक्षकों का मूल्यांकन और कोई नहीं कर सकता। इस व्यवस्था से शिक्षकों और छात्रों दोनों का फायदा होगा। शिक्षक को उसकी कमियों की जानकारी मिलेगी तो छात्रों को वह और बेहतर ढंग से पढ़ा सकेंगे। तैयारी चल रही है। बहुत जल्द इसे लागू कर दिया जाएगा। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी।


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