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कुशीनगर का एपी बांध बना मुसहर परिवारों का ठिकाना

कुशीनगर के चैनपट्टी गांव के लोगों के पास राशन कार्ड तो है लेकिन इन्हें आज तक आवास नहीं मिला यहां के लोगों का कहना है कि आज तक उनके गांव में कोई सरकारी नुमाइंदा नहीं पहुंचा सरकारी योजनाएं क्या होती हैं यह लोग जानते ही नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 04:00 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 04:00 AM (IST)
कुशीनगर का एपी बांध बना मुसहर परिवारों का ठिकाना
कुशीनगर का एपी बांध बना मुसहर परिवारों का ठिकाना

कुशीनगर : तमकुहीराज तहसील के आखिरी छोर पर स्थित एपी बांध के किमी 4.100 प्वाइंट पर बसे 20 मुसहर परिवार आज भी गरीबी की मार झेल रहे हैं। सुविधाओं के नाम पर बांध के स्पर पर बसे इन लोगों के यहां पोल तो लगे है, लेकिन कनेक्शन नहीं मिला। पानी के नाम पर कर्ज लेकर चार निजी हैंडपंप लगवाए है। सरकारी हैंडपंप एक भी नहीं लगा।

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ग्राम सभा चैनपट्टी के मुसहर समुदाय के लोग एपी बांध पर झोपड़ी डाल अपना बसेरा बनाए हैं। मुसहर महिलाएं सुनीता, सितम, मैनेजर, अशोक, गुरुबचन, मनोज और गनेश ने बताया कि हमनी के इहां अबहिन ले केहू सरकारी कर्मचारी नईखे आइल। घर बनवावे के खातिर रुपया नईखे। प्रधानजी से आवास बनवावे के कहेलिजा त कहेनि की पट्टा मिली तबे न आवास मिली। भूमिहीन इन परिवारों के लोग सिर्फ वोट देते हैं। कभी कभार इन्हें राशन मिल जाता है। स्वास्थ्य सुविधाएं तो नदारद हैं ही शिक्षा का भी अभाव है। कौन-कौन सरकारी योजनाएं संचालित हैं। पूछने पर सुनीता और सितम ने कहा कि आज तक कोई कर्मचारी नहीं आया। गरीबी और अभाव में जीना मजबूरी है। गुरुवचन और अशोक की पत्नी ने कहा कि अगर किसी हैंडपंप वाले के घर से झगड़ा हो गया तो वह पानी भी नही देता है। मजबूर होकर नारायणी का पानी पीना पड़ता है ।

पट्टे की भूमि हो तो मिले आवास

बीडीओ विवेकानंद मिश्र ने कहा कि भूमिहीन पात्रों को आवास तभी मिलेगा जब उनके नाम आवासीय पट्टे की जमीन हो। बगैर भूमि आवास मिलना संभव नहीं है। एसडीएम एआर फारूकी ने कहा कि दिखवाते हैं। अगर कहीं जमीन सरकारी मिली तो पट्टा दिया जाएगा।


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