कुशीनगर के विकास में बाधक है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अधिनियम
कुशीनगर के विकास को लेकर सरकार सहित आमजन जहां प्रयासरत हैं वहीं पुरातत्व सर्वेक्षण अधिनियम के चलते नए निर्माण कार्य नहीं हो पा रहे हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि अधिनियम की समीक्षा नहीं हुई तो अवरुद्ध हो जाएगा विकास।
कुशीनगर: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भापुस) का अधिनियम 2010 कुशीनगर के विकास में बाधक है। भापुस को अपने एक्ट की समीक्षा करनी चाहिए नहीं तो कुशीनगर का विकास अवरुद्ध हो जाएगा। विभाग को कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए।
यह बातें बिरला धर्मशाला कुशीनगर के प्रबंधक वीरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने रविवार को प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। ऐसे में उनके लिए स्तरीय आवासीय सुविधा में वृद्धि किया जाना आवश्यक है। कुशीनगर के विकास में विदेशी संस्थानों का भी अहम योगदान है, इसलिए भापुस को कोई मध्यम मार्ग निकाल कर निर्माण के लिए सरल नियम बनाना चाहिए ताकि होटल, धर्मशाला आदि आवासीय इकाइयों का निर्माण हो सके। साथ ही पुरातात्विक धरोहर भी सुरक्षित रह सके। उन्होंने कहा कि 100 मीटर निषिद्ध क्षेत्र का मापन विभाग को बाउंड्रीवाल से न करके स्मारक से करना चाहिए। यह हो जाने से अनेक समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
भापुस के संरक्षण सहायक शादाब खान ने कहा कि भारतीय पुरातत्व अधिनियम 1958 संशोधित जनवरी 2010 के अनुसार पुरातात्विक क्षेत्र से 100 मीटर तक की दूरी निषिद्ध क्षेत्र है। इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन, खनन, मरम्मत, पुनर्निर्माण व निर्माण नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर भारी अर्थदंड के साथ ही जेल की भी सजा है। इसके आगे 200 मीटर तक का क्षेत्र विनियमित क्षेत्र है। इसमें बिना पूर्व अनुमति के निर्माण करना दंडनीय अपराध है।
विधायक ने दिया समस्या समाधान का भरोसा
हाटा विकास खंड सुकरौली के गांव पिड़रा के पिपरहिया, संखापार के परसिया व नाउमुण्डा के प्राथमिक विद्यालय पर क्षेत्रीय विधायक पवन केडिया ने चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याएं सुनीं व समाधान का भरोसा दिया।
विधायक ने केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार की सारी योजनाएं बिना किसी भेदभाव के चल रही है। मंडल अध्यक्ष ज्ञान विक्रम सिंह, भागवत चौहान, मुंशी सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित किया।