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कुशीनगर में जल संरक्षण की नजीर बना खजुरिया का पोखरा

कुशीनगर में जल संरक्षण की मुहिम के तहत दो वर्ष पूर्व जब जागरण ने अभियान चलाया था तो गांव के लोगों ने इससे प्रेरित होकर पोखरे की खोदाई की थी दो साल में इसका काफी लाभ हुआ गांव का भूमिगत जलस्तर ऊपर आने लगा है पहले की अपेक्षा अब हैंडपंपों की गहराई कम हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 04:00 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 04:00 AM (IST)
कुशीनगर में जल संरक्षण की नजीर बना खजुरिया का पोखरा
कुशीनगर में जल संरक्षण की नजीर बना खजुरिया का पोखरा

कुशीनगर : विशुनपुरा ब्लाक के खजुरिया गांव का पोखरा जल संरक्षण की नजीर बन गया है। गर्मी में सूख जाने वाला यह पोखरा इन दिनों पानी से भरा है। ग्रामीणों की सूझबूझ और सामूहिक प्रयास से यह संभव हो सका है। इससे गांव का भू-गर्भ जल स्तर भी ऊपर उठ रहा है और बेजुबानों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता है।

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गांव के शैलेंद्र, रवींद्र, मारकंडेय, दीपक, शनि आदि का कहना है कि दो साल पहले खजुरिया गांव का भूगर्भ जल स्तर गर्मी के दिनों में काफी नीचे चला जाता था। हैंडपंपों से पानी नहीं निकलता था। जागरण की ओर से चलाए गए अभियान तलाश तालाबों की, से प्रेरणा लेकर अधिकारियों ने इस पोखरे के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया। मनरेगा योजना के तहत पोखरे की खोदाई होने लगी तो मजदूरों के साथ ग्रामीणों ने श्रमदान किया। खोदाई, सफाई के बाद जब तालाब तैयार हो गया तो पानी भरने के लिए गांव की नालियों का रुख इधर किया गया। इसके अलावा पंपिग सेट से भी पानी का इंतजाम किया गया। बरसात के मौसम में बारिश का पानी संरक्षित हुआ, उसका परिणाम रहा कि दो साल से यह पोखरा अब नहीं सूखता है। इसमें साल भर पानी भरा रहता है। गांव का भूगर्भ जल स्तर भी ऊपर आ रहा है। पहले देसी हैंडपंप के लिए 50-60 फीट बोर करना पड़ता था। अब 45-50 फीट पर ही पानी निकलने लगता है। ग्रामीणों का कहना है कि अब बारिश का पानी पोखरे में संरक्षित हो रहा है। इसके अस्तित्व को बचाए रखना गांव के लोगों की प्राथमिकता है। पोखरे में पानी भरवाने के लिए लोग हर समय तैयार रहते हैं।


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