कुशीनगर की 67 ग्राम पंचायतों में नहीं बन पाएगी 'गांव की सरकार'
कुशीनगर में पंचायत चुनाव में इन ग्राम पंचायतों में सदस्यों के दो तिहाई बहुमत का अभाव होने वजह से ग्राम प्रधानों को कार्यभार संभालने के लिए अभी करना होगा इंतजार यहां के प्रधान शपथ तो लेंगे लेकिन गांवों का विकास कार्य कोरम के अभाव में नहीं हो सकेगा।
कुशीनगर : जिले की 67 ग्राम पंचायतों में पंचायत सदस्यों के दो तिहाई बहुमत के अभाव में 'गांव की सरकार' नहीं बन पाएगी। चुनाव जीते ग्राम प्रधानों को कार्यभार संभालने के लिए अभी इंतजार करना होगा।
पंचायत चुनाव में जिले की 1003 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए। सभी गांवों में ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए। अब बारी गांव की सरकार बनाने की आई तो 67 गांवों में ग्राम पंचायत सदस्यों के दो तिहाई बहुमत का पेच फंस गया। इन गांवों में ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए दो तिहाई पदों पर उम्मीदवार ही खड़े नहीं हुए। बात इन ग्राम सभाओं में शपथ ग्रहण ग्राम प्रधान को कमान सौंपने की बात आई तो यही पेच फंस गया। अब यहां रिक्त पदों पर ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्वाचन होने व दो तिहाई बहुमत होने के बाद ही यहां गांव की सरकार का गठन हो सकेगा। इसके पूर्व ग्राम प्रधान शपथ तो लेंगे लेकिन गांव की न तो खुली बैठक हो सकेगी और न ही कोई प्रस्ताव पारित हो सकेगा, ऐसे में गांव का जो विकास होना चाहिए वह नहीं हो सकेगा।
ब्लाकवार यह हैं ग्राम पंचायतें
नेबुआनौरंगिया-4, दुदही -2, सुकरौल-9, रामकोला-1, सेवरही-2, मातीचक-9, पडरौना-5, तमकुही-7, फाजिलनगर-17, हाटा-4, विशनुपुरा-2, कप्तानगंज-5
दो तिहाई बहुमत आवश्यक: डीपीआरओ
डीपीआरओ राघवेंद्र द्विवेदी ने बताया कि ग्राम पंचायत के गठन के लिए दो तिहाई बहुमत आवश्यक है। यहां पर चुनाव न लड़ने के कारण पद रिक्त रह गए हैं। ग्राम प्रधान शपथ तो लेंगे, लेकिन उस रूप में कार्य नहीं करेंगे। छह माह में ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्त पदों पर चुनाव कराए जाएंगे। उसके बाद ग्राम पंचायत का गठन होगा।