Health News: दोनों हाथों के रक्तचाप में 20 मिमी एचजी का अंतर तो हो जाएं सावधान
दोनों हाथों से रक्तचाप की 20 मिमी एचजी का अंतर आना खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मामलों में जांच कराने पर सही स्थिति का पता चलता है। संभव है कि 75-80 फीसद ब्लाकेज होने के बाद भी लक्षण नजर न आएं।
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। हाल में जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग में 10 से 12 प्रतिशत मरीज ऐसे आए जिन्हें घबराहट की बीमारी थी, रक्तचाप बढ़ा था, दवा देने के बाद भी कुछ को आराम मिला, कुछ को नहीं। 13 मरीजों को आराम नहीं मिला, उनके दोनों हाथों से रक्तचाप नापा गया, जिसमें 10 से 20 मिमी एचजी (मिलीमीटर आफ मरकरी) का अंतर मिला। हृदय रोग विभाग में दिल की जांच कराई गई तो धमनियां 60 प्रतिशत तक अवरुद्ध मिलीं। उनका नए तरह से इलाज शुरू किया गया है। अब आराम है।
13 मरीजों के दोनों हाथ के रक्तचाप में मिला 10 से 20 मिमी एचजी का अंतर
आमतौर पर रक्तचाप की जांच एक हाथ खासकर दाएं हाथ से की जाती है। उसी के आधार पर जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डाक्टरों ने दवा लिख दी। ज्यादातर को आराम भी मिल गया। लेकिन 13 मरीजों को जब आराम नहीं मिला तो उनके दोनों हाथों से रक्तचाप की जांच की गई। इसमें 10 से 20 मिमी एचजी का अंतर आया। उन्हें हृदय रोग विभाग में रेफर किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि ऐसे मामलों में जांच कराने पर सही स्थिति का पता चलता है। संभव है कि 75-80 फीसद ब्लाकेज होने के बाद भी लक्षण नजर न आएं। लेकिन दोनों हाथों के रक्तचाप में अंतर इसकी तरफ संकेत कर देता है। इसलिए ब्लड प्रेशर के मरीजों को दोनों हाथों से रक्तचाप की जांच कराते रहना चाहिए।
दोनों हाथों से रक्तचाप की जांच में मामूली अंतर तो सामान्य बात है। लेकिन यदि 10 मिमी एचजी से अधिक का अंतर आए तो सतर्क हो जाने की जरूरत है। यह हृदय की नसों के अवरुद्व होने का संकेत हो सकता है। ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। - डा. रोहित गुप्ता, हृदय रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल।
दोनों हाथों से रक्तचाप जांचने में 10 मिमी एचजी से अधिक का अंतर हृदय से हाथों को जाने वाली नसों के ब्लाक होने की वजह से हो सकता है। ब्लाकेज हाथ-पैर की नसों में भी हो तो हृदय को आघात पहुंचा सकता है। इसलिए बीपी के मरीज सावधान रहें। - डा. सौरभ श्रीवास्तव, हृदय रोग विशेषज्ञ।