वलीमा के लिए मांस घटा तो काट दिया वही पशु, जिसकी हत्या प्रतिबंधित है
महराजगंज में गोवंश की हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक अभी भी फरार है। गिरफ्तार आरोपितों की निशानदेही पर गांव के ही तालाब से न सिर्फ गो मांस बल्कि हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार भी बरामद किया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : जन्माष्टमी की रात महराजगंज के चौक थाना क्षेत्र के टीकर गांव में गोवंश की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अभी भी फरार है। आरोपितों की निशानदेही पर गांव के ही तालाब से न सिर्फ गो मांस बल्कि हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार भी बरामद किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना के अगले दिन होने वाले मुख्य आरोपित के घर आयोजित वलीमा में मांस घटने पर उन्होंने घटना को अंजाम दिया था, लेकिन मामला उजागर होने के बाद उनका मंसूबा फेल हो गया था। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने प्रेसवार्ता कर पर्दाफाश किया है।
30 अगस्त की रात कर दी थी गोवंश की हत्या, उठा ले गए थे मांस
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 30 अगस्त की रात में चौक थाना क्षेत्र के टीकर गांव में मधुसुदन प्रसाद त्रिपाठी की गोशाला के बगल में ही आरोपितों ने उनके गोवंश की हत्या कर मांस उठा ले गए थे। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। घटनास्थल से मुनीर के घर की तरफ जाने वाले रास्ते पर कई स्थानों पर खून के निशान मिलने से शक के आधार पर मुनीर सहित टीकर और परसौनी गांव के आठ से अधिक लोगों से पूछताछ की जा रही थी। इसी बीच परसौनी गांव के तालाब से गोवंश का मांस और अन्य अवशेष बरामद हो गए। मांस बरामदगी के बाद मुनीर टूट गया और अपराध स्वीकार कर लिया। उसके बयान के आधार पर उसके साथी अनवर और निसार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से 5300 रुपये नकद, दो चाकू, एक चापड़, एक ठीहा भी बरामद किया गया है।
31 अगस्त को मुनीर के घर था वलीमा
आरोपितों के अनुसार 31 अगस्त को मुनीर के घर वलीमा का आयोजन था, जिसमें उसने बकरी का मांस काटने वाले अनवर से 60 किलो मांस का आर्डर दिया था। शेष 45 किलो के लिए 30 अगस्त की रात मुनीर ने अनवर, निसार और नक्सा-बक्सा निवासी अजीजुद्दीन के साथ घटना को अंजाम दे दिया। मामले को चोरी का रूप देने के लिए आरोपितों ने साक्ष्य मिटाने का भी प्रयास किया था, लेकिन खून मिलने से मामला उजागर हो गया और आरोपित अपने मंसूबे में फेल हो गए। पूरे मामले में अजीजुद्दीन अभी भी फरार है। शेष तीनों आरोपितों के खिलाफ गोवध अधिनियम सहित क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। निचलौल के पुलिस उपाधीक्षक धीरेंद्र कुमार उपाध्याय के निर्देशन में चौक थानाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह, उपनिरीक्षक भारत भूषण सिंह, पंकज कुमार पाल, रामरतन यादव, मुख्य आरक्षी कृष्ण यादव, ललित कुमार, राजकुमार यादव, तुलसीराम व प्रिया तिवारी शामिल रहीं।