Coronavirus: संक्रमित की तबीयत ठीक नहीं तो तत्काल अस्पताल में भर्ती कराएं Gorakhpur News
मंडलायुक्त ने सीएमओ को निर्देश दिए कि कोरोना जांच के लिए लगने वाले शिविरों में अधिक से अधिक जांच कराई जाए। उन्होंने एक अक्टूबर से चलने वाले संचारी रोग दस्तक अभियान में घर-घर पहुंच कर संपर्क करने के निर्देश दिए।
गोरखपुर, जेएनएन। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि कोरोना संक्रमित की तबीयत ठीक नहीं है, तो उसे घर में रहने की सलाह न दी जाए। ऐसे मरीजोंं को तत्काल एल वन, टू या थ्री अस्पताल में भर्ती कराएं। 60 साल से अधिक आयु व लक्षण वाले कोरोना मरीजों की तत्काल खून की जांच व एक्सरे भी कराएं। कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वालों की पहचान करते हुए 24 घंटे में जांच कराई जाए। कोरोना बचाव कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों व बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ बैठक में मंडलायुक्त ने सीएमओ को निर्देश दिए कि कोरोना जांच के लिए लगने वाले शिविरों में अधिक से अधिक जांच कराई जाए। उन्होंने एक अक्टूबर से चलने वाले संचारी रोग दस्तक अभियान में घर-घर पहुंचने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने कोरोना संक्रमितों की मौत की वजह की भी समीक्षा की।
अस्पताल में भर्ती कराए जाएंगे होम आइसोलेट 24 गंभीर मरीज
होम आइसोलेट कोरोना संक्रमितों की नियमित निगरानी के दौरान 24 ऐसे मरीज चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें शुगर व उच्च रक्तचाप की बीमारी है। इनमें कुछ बुजुर्ग भी हैं। इन सभी को विभाग ने टीबी अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला लिया है। शासन ने बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की है। लक्षण वाले मरीज व बुजुर्गों को होम आइसोलेट होने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद लोग अस्पताल न जाकर घर में ही इलाज कराना बेहतर समझ रहे हैं।
जनपद में आठ सौ मरीज होम आइसोलेट
इस समय करीब आठ सौ मरीज होम आइसोलेट हैं। कोरोना से हो रहीं मौतों को रोकने के लिए विभाग गंभीर और बुजुर्ग मरीजों को चिह्नित कर रहा है, ताकि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराकर समुचित इलाज किया जा सके। जरूरत पडऩे पर उन्हें लेबल थ्री अस्पताल में भेजा जा सके। सीएमओ ने बताया कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों, गंभीर बीमारियों से ग्रसित व लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं है। ऐसे मरीजों को अभियान चलाकर चिह्नित किया जा रहा है। उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराकर इलाज कराया जाएगा।