यूपी पंचायत चुनाव 2021: कैसे करना है आरक्षण, आज मिलेगा प्रशिक्षण- सूची पर संदेह हुआ तो दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
पंचायत चुनाव में आरक्षण की स्थिति अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगी। इस बार प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जाएगा। प्रक्रिया पर निगरानी के लिए अधिकारियों की कमेटी भी बनेगी। किसी को सूची पर संदेह हुआ तो वह आपत्ति दर्ज करा सकता है।
गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायतों में आरक्षण की स्थिति अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगी। इस बार प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जाएगा। प्रक्रिया पर निगरानी के लिए अधिकारियों की कमेटी भी बनेगी। किसी को सूची पर संदेह हुआ तो वह आपत्ति दर्ज करा सकता है। कैमरे की निगरानी में आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।
कैमरे की निगरानी में किया जाएगा आपत्तियों का निस्तारण
गुरुवार को विकास भवन में एडीओ पंचायत एवं कंप्यूटर आपरेटरों को जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। शासन की ओर से निर्धारित फार्मेट पर विवरण किस तरह भरना है, इसे लेकर आपरेटरों को जानकारी दी गई। शुक्रवार को सभी बीडीओ, एडीओ पंचायत एवं आपरेटरों को बुलाया गया है। आरक्षण किस तरह से तय किया जाएगा, इसको लेकर सभी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। शासनादेश को विस्तृत रूप में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समझाया जाएगा। उम्मीद जतायी जा रही है कि प्रशिक्षण के बाद अगले कुछ दिनों में स्थिति लगभग साफ हो जाएगी। ड्राफ्ट तैयार होते ही लोगों के लिए सूची को सार्वजनिक किया जाएगा और आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों का निस्तारण कैमरे की निगरानी में किया जाएगा।
लगातार दूसरी, तीसरी बार भी सामान्य हो सकती है सीट
शासनादेश के अनुसार सीटों का आरक्षण तय किया जा रहा है। लगभग सभी ब्लाकों में ऐसी स्थिति है कि ओबीसी एवं एससी के लिए आरक्षित ग्राम पंचायतों की संख्या से अधिक ऐसे गांव हैं, जहां पिछले पांच चुनावों में कभी वर्ग विशेष का आरक्षण नहीं रहा। इन गांवों में आबादी के अनुसार आरक्षण तय किया जाएगा। इसी तरह ऐसी संभावना भी है कि कई गांवों में लगातार दूसरी या तीसरी बार सामान्य सीट हो जाए। इसका प्रमुख कारण ओबीसी एवं एससी आबादी का कम होना है।
आरक्षण को लेकर डाटा फीडिंग से जुड़ा प्रशिक्षण गुरुवार को दिया गया। इसमें एडीओ पंचायत एवं कंप्यूटर आपरेटर शामिल थे। शुक्रवार को होने वाले प्रशिक्षण में विस्तृत रूप से जानकारी दी जाएगी कि आरक्षण व्यवस्था कैसे लागू करनी है। - हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी।