सावधानी नहीं बरती तो गिरने लगेगी गन्ने की फसल, बचाने के लिए अपनाए ये तरीका
खेत में लहलहा रही गन्ने के लिए बारिश जहां एक तरफ फायदेमंद है वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से फसल के गिरने का भी खतरा रहता है। खासकर बारिश के साथ हवा चलने पर इसकी आशंका अधिक रहती है।
गाेरखपुर, जागरण संवाददाता : खेत में लहलहा रही गन्ने के लिए बारिश जहां एक तरफ फायदेमंद है, वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से फसल के गिरने का भी खतरा रहता है। खासकर बारिश के साथ हवा चलने पर इसकी आशंका अधिक रहती है। फसल गिरने से उपज तो कम होती ही है, चीनी परता भी कम हो जाता है। इतना ही नहीं गिरे हुए गन्ने को बीज के तौर पर इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता है। कुछ सावधानी बरत कर किसान भाई फसल गिरने से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
अधिक बारिश होने पर दलदली हो जाती मिट्टी
गन्ने की फसल की 80 फीसद बढ़वार बरसात के मौसम में ही होती है। इस साल मई-जून में हुई पर्याप्त बारिश की वजह से गन्ने की फसल की बढ़वार काफी अच्छी हुई है। अधिक वर्षा होने पर खेत की मिट्टी दलदली हो जाती है। ऐसी स्थिति में बारिश के साथ हवा चलने पर मिट्टी गन्ने की फसल को संभाल नहीं पाती, जिससे गन्ना खेत में गिर जाता है। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्त बताते हैं कि गिरने के बाद गन्ना पत्तियों से ढंग जाता है, जिससे शर्करा संचयन की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसी वजह से गन्ने की फसल गिरने पर चीनी का परता कम हो जाता है।
इस वजह से गिर जाती है गन्ने की फसल
सहायक निदेशक बताते हैं कि बुआई के समय गहरी जुताई न करने से गन्ने की जड़ें कमजोर हो जाती हैं। कतार में बुआई करते समय कतार से कतार के बीच की दूरी कम रखने से भी गन्ने की फसल गिरने की आशंका बढ़ जाती है। जड़ों पर मिट्टी चढ़ाने में लापरवाही बरतने से भी फसल गिर जाती है। इसके अलावा गन्ने की कुछ प्रजातियां जैसे को. 0238 और 98014 ऐसी होती हैं कि समय से बुआई न होने पर बारिश के दिनों में गिर जाती हैं।
यह करें उपाय
गन्ने की बुआई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए। बुआई के लिए नालियां बनाते समय नालियों की खोदाई पूरब-पश्चिम दिशा में करनी चाहिए। ट्रेंच विधि से बुवाई करनी चाहिए। बुआई के बाद जून जुलाई में गन्ने की जड़ों पर पर्याप्त मिट्टी चढ़ा देनी चाहिए। फसल को गिरने से बचाने के लिए गन्ने की बधाई करना बेहद कारगर उपाय है। आसपास के गन्ने को एक साथ कर उसी पत्तियों से बांधा जाता है। खेत में जल निकासी की व्यवस्था भी ठीक होनी चाहिए। कई ऐसी प्रजातियां हैं जो गिरती हैं। बुआई के समय उन्हीं का चयन करें।