डीडीयू केंद्रीय विश्विद्यालय बना तो खुलेगी विकास की राह Gorkhpur News
पूर्वांचल के विकास नए शोध कार्य के लिए केंद्रीय विवि का होना अति आवश्यक है। प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा की शिक्षक हमेशा से इसकी मांग करते रहें हैं। सांसद का यह प्रयास सराहनीय है
गोरखपुर, जेएनएन। राज्यसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल की ओर से संसद में डीडीयू को केंद्रीय विवि बनाने का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाने पर विवि के शिक्षकों में खुशी की लहर है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने इसके लिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।
क्या कहते हैं शिक्षक
शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डा.सुधाकर लाल श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्वांचल के विकास, नए शोध कार्य के लिए केंद्रीय विवि का होना अति आवश्यक है। प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा की शिक्षक हमेशा से इसकी मांग करते रहें हैं। सांसद शुक्ल का यह प्रयास सराहनीय है। अंग्रेजी विभाग के आचार्य प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने कहा कि सांसद शुक्ल का गोरखपुर विवि से विशेष लगाव रहा है। अभी हाल ही में उन्होंने अपनी निधि से ढाई करोड़ रुपये छात्रावास के निर्माण के लिए अवमुक्त किए। प्रो.ओपी पांडेय व मुख्य नियंता प्रो. प्रदीप यादव ने कहा की उन्होंने विवि के पुरातन छात्र होने का निर्वहन किया है। सांसद के प्रति विवि के शिक्षक डा.आशीष शुक्ल, डा.टीएन मिश्रा, डा.निखिल कुमार, डा.मनीष पांडेय, डा.ओम प्रकाश सिंह, डा.विजय चहल, डा.अमित उपाध्याय, डा.तूलिका मिश्रा, डा.अनुपम सिंह, डा.लक्ष्मी मिश्रा, डा.के.सुनीता, डा.महबूब हसन और डा.दुर्गेश पाल ने भी अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की है।
अधिवक्ताओं ने दी बधाई
पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल की ओर से गोरखपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाए जाने की मांग राज्यसभा में उठाए जाने पर जिले के अधिवक्ताओं ने उन्हें बधाई दी है। दी कमिश्नर्स कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजभूषण श्रीवास्तव की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं ने एक बैठक में कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से पूर्वांचल में शैक्षणिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त होगा। संचालन मंत्री विनय उपाध्याय ने किया।बधाई देने वालों में बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के अध्यक्ष वीरेंद्र शाही, मंत्री अजय शुक्ल, अभिमन्यु पाण्डेय, जितेंद्र धर दूबे, जिला अधिवक्ता एसोसिएशन के अध्यक्ष अमिताभ त्रिपाठी अटल, मंत्री रमाशंकर राम त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष केके त्रिपाठी आदि अधिवक्ता शामिल हैं।