मीटर रीडिंग पर नहीं रखा ध्यान तो हो सकता है नुकसान
मीटर रीडिंग लेने की बजाय यदि मनमानी तरीके से कम रीडिंग पर बिल बना दिया जाता है तो धीरे-धीरे रीडिंग स्टोर होती जाती है। विभाग को इस बात का पता चल जाता है और उपभोक्ता को अर्थदंड के साथ एरियर भी देना पड़ता है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर मीटर रीडर रीडिंग लेने आए तो सतर्कता जरूर बरतें। रीडिंग का मिलान कर लें। ऐसा न करने पर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। मीटर रीडर मनमानी रीडिंग पर बिल बना देते हैं और जांच में मामला पकड़ में आता है तो रीडिंग स्टोर के कारण उपभोक्ता पर कार्रवाई होती है। कुछ मामले आने के बाद बिजली निगम ने इस संंबंध में सभी उपभोक्ताओं से अपील की है।
स्टोर होती जाती है रीडिंग
जितनी बिजली की खपत होती है, उसके अनुसार मीटर रीडिंग लेने की बजाय यदि मनमानी तरीके से कम रीडिंग पर बिल बना दिया जाता है तो धीरे-धीरे रीडिंग स्टोर होती जाती है। विभाग को इस बात का पता चल जाता है और उपभोक्ता को अर्थदंड के साथ एरियर भी देना पड़ता है। कुछ दिन पहले धर्मशाला बिजली घर से जुड़े क्षेत्रों में करीब 22 ऐसे मामले आए थे, जहां खपत के सापेक्ष आधी-अधूरी रीडिंग का मामला पकड़ा गया था।
बिजली निगम की जांच में सामने आया मामला
बिजली निगम की ओर से की गई जांच में एक किलोवाट के तीन घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के मीटर में ही ऐसी शिकायतें देखी गईं। बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि रीडिंग स्टोर पकड़े जाने पर उपभोक्ता पर कार्रवाई होती है। ऐसे लोगों को मूल बिल की तुलना में डेढ़ गुना बिल चुकाना पड़ता है। रीडिंग एजेंसी के विरुद्ध भी कार्रवाई का प्राविधान है।
रीडिंग का मिलान जरूर कराएं
बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता शहरी यूसी वर्मा ने बताया कि रीडर जब भी घर पर रीडिंग के लिए जाए तो रीडिंग का मिलान जरूर करा लें। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता को समय-समय पर मीटर रीडिंग चेक करना चाहिए। जिन दिन मीटर रीडर जाए, उस दिन रीडिंग की जांच जरूर की जाए और मीटर रीडर द्वारा दिए गए बिल से उसका मिलान जरूर कराया जाए। किसी प्रकार की कमी मिलने पर संशोधन के लिए कहना चाहिए।