Coronavirus ने नेपाल के होटल उद्योग पर लगाया ब्रेक, 70 फीसद बुकिंग रद, बंद होने के कगार पर
Coronavirus Effect पिछले एक माह से नेपाल का होटल उद्योग संकट में है लेकिन बीते 15 मार्च को विदेशियों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगने से स्थिति और गंभीर हो गई है।
प्रदीप श्रीवास्तव, गोरखपुर। कोरोना वायरस के कारण नेपाल में होटल उद्योग बंद होने के कगार पर है। नेपाल के अधिकांश शहरों में होटलों की बुकिंग में 70 फीसद की कमी आई है। कोरोना के कारण पिछले एक माह से नेपाल का होटल उद्योग संकट में है लेकिन बीते 15 मार्च को विदेशियों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगने से स्थिति और गंभीर हो गई है। पोखरा के होटल व्यवसाई संघ के अध्यक्ष बिकल तुलाचन के अनुसार यदि स्थिति यही रही हो नेपाल का होटल उद्योग बंद हो जाएगा।
30 हजार में बीस हजार से अधिक रूम खाली
नेपाल में कुल लगभग 11 सौ होटल हैं। इन होटलों में लगभग तीस हजार रूम हैं। होटल उद्योग से जुड़े लोगों के मुताबिक तीस हजार रूम में से बीस हजार से अधिक रूम खाली हैं। नेपाल के होटल व्यवसायी पहले ही होटलों को क्वारेंटयन आइसोलेशन और अस्पताल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सरकार को प्रस्ताव दे चुके हैं।
सीमा सील होने से बंद हो गई बुकिंग
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दोनो देश मार्च के शुरुआती दिनों से ही विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगाते रहे हैं लेकिन 15 मार्च को दोनो देशों ने विदेशी नागरिकों के लिए अपनी-अपनी सीमाएं सील कर दीं। नेपाल ने इस छूट से भारत को और भारत ने नेपाल और भूटान के नागरिकों को भारत आने-जाने की छूट दी है। नेपाल के व्यवसाय विदेशी पर्यटकों और होटलों पर आधारित है। यहां के व्यापार में करीब 70 फीसद हिस्सा होटलों का है। इसमें पचास फीसद से बुकिंग विदेशी पर्यटक और बाकी भारतीय पर्यटक बुकिंग कराते हैं। विदेशी पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगने के कारण 15 मार्च के बाद होटलों की बुकिंग न के बराबर हो रही है और पहले की जो बुकिंग थी उसमें से भी 70 फीसद बुकिंग रद हो गई है। पोखरा होटल व्यवसायी संघ के अध्यक्ष बिकल तुलाचन के अनुसार दो मार्च से पोखरा में कोई भी रूम बुकिंग नहीं हो रही है। अन्य शहरों का कमोवेश यही हाल है।
भारतीयों पर रोक नहीं फिर रद कर रहे यात्रा
सोनौली निवासी प्रगति टूर एंड ट्रैवेल के प्रोपराइटर संदीप रौनियार का कहना है कि भारतीय लोगों के नेपाल जाने पर रोक नहीं है इसके बाद भी 13 मार्च से भारतीयों ने भी अपने टिकट व होटल के कमरों की बुकिंग रद्द करना शुरू किया है। अब तक 23 समूह नेपाल यात्रा रद्द कर चुका है। बेलहिया होटल पैराडाइज डीलक्स के मैनेजर राजीव गोश्वामी ने बताया कि 15 मार्च के बाद गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक व तमिलनाडु के 46 पर्यटक जत्थे ने होटलों की बुकिंग रद्द कराई है। बेलहिया के गणेश हिमाल टूर एंड ट्रैवेल के मैनेजर भरत वर्मा का कहना है कि उनका पूरा कारोबार भारतीय पर्यटकों के सहारे था लेकिन 15 मार्च के बाद फैली सीमा सील की अफवाहों के बाद भारतीय पर्यटकों के फोन आने लगे। लगभग सभी अपने बुक किए गए होटल व नेपाल यात्रा के टिकट कैंसिल करा दिए।
होटलों को सरकार के सुर्पुद करने का प्रस्ताव दे चुके हैं व्यवसायी
होटलों में बुकिंग न होने से होटल संचालकों ने बीच का रास्ता निकालते हुए सरकार से कुछ राहत मांगते हुए होटलों को क्वारेंटयन आइसोलेशन और अस्पताल के रूप में इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया है। नेपाल के प्रदेश नंबर पांच के रूपनदेही जिले के होटल व्यवसायियों ने बैठक कर यह प्रस्ताव सरकार को दिया है। नेपाल सरकार ने फिलहाल होटल संचालकों के इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है प्रदेश नंबर पांच के पांच सितारा होटल टाईगर पैलेस रिसोर्ट से लेकर चार स्टार, थ्री स्टार समेत पर्यटकीय स्तर के करीब सौ होटल हैं। सिद्धार्थ होटल एशोसिएशन के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश श्रेष्ठ के अनुसार इस प्रस्ताव से सरकार को भी सुविधा होगी और होटल संचालकों को भी कुछ राहत मिलेगी।
पैकेज की मांग कर रहे हैं होटल व्यवसायी
नेपाल के संचालक होटलों को सरकार को सौंपने के बदले बिजली बिल माफ करने के साथ बैंक के ब्याज की किस्तों के भुगतान का समय बढ़ाने व अन्य राहत पैकेज घोषित की मांग कर रहे हैं। व्यवसायियों का कहना है कि पर्यटकों का आवागमन ठप होने से होटल व्यवसायी कर्मचारियों का वेतन तथा बैंक के कर्ज का ब्याज देने की स्थिति में नहीं है।
35 सौ विदेश प्रतिदिन जाते थे नेपाल
सीमा के सोनौली बार्डर से करीब 35 सौ विदेशी प्रतिदिन नेपाल आते-जाते थे। इसके अलावा भारतीय पर्यटक भी बड़ी संख्या में नेपाल के विभिन्न शहरों में घूमने जाते थे। नेपाल के रूपनदेही जिले के लहिया होटल प्रकाश एंड प्रकाश के रवि सिजारी ने बताया कि बीते दो दिनों में भारतीय पर्यटकों की संख्या न के बराबर है।
लुंबिनी में भी सन्नाटा
दर्जनों देशों के आस्था का केंद्र लुंबिनी में भी सन्नाटा है। माया देवी मंदिर परिसर व आसपास के बाजारों की अधिकतर दुकानें बंद हो गई हैं। लुंबिनी में मौजूद श्रीलंका, कंबोडिया, विएतनाम, थाईलैंड, म्यांमार, जापान, चीन, कोरिया, जर्मनी व तिब्बत आदि देशों की मदद से बने करीब 16 मंदिरों के नियमित विदेशी स्टाफ अपने देश वापस लौट गए हैं। वहां अब केवल स्थानीय स्टाफ ही बचे हैं। विदेशी मंदिर संस्थान के मैनेजर राजन खड़का ने बताया कि लुंबिनी में करीब 2000 विदेशी नियमित स्टाफ शामिल थे। जो कि कोरोना आपदा के कारण अपने देश वापस चले गए हैं। लुंबिनी के पर्यटन व होटल व्यवसाय से जुड़े ओमप्रकाश, अर्जुन व अवधेश ने बताया कि 15 मार्च के बाद कोई भी भारतीय या अन्य विदेशी यात्री समूह लुंबिनी नहीं आया है।
16711 की हुई स्क्रीनिंग, एक में भी नहीं मिला वायरस
इस बीच भारत-नेपाल सीमा पर दोनों देशों द्वारा लगाए गए कोरोना स्वास्थ्य कैंप में गुरुवार तक भारतीय स्वास्थ्य कैंप पर 14899 नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें 12 लोगों को रोककर दुबारा जांच कर दवा भी दी गई। नेपाल स्वास्थ्य कैंप पर 1812 नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई। नेपाल में लगे स्वास्थ्य कैंप पर भारत के बड़े शहरों से आने वालों की ही रिपोर्ट लिखी जा रही है। स्थानीय लोगों की रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही है।
नेपाल से सटे भारतीय जिलों में भी बुरा हाल
नेपाल ही नहीं, नेपाल से सटे भारतीय जिलों में भी होटलों की स्थिति खराब है। भारत में होटलों की दशा नेपाल जैसी नहीं है लेकिन अधिकांश होटलों के अधिकांश रूम खाली हैं। गोरखपुर और आसपास के पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों की आवक पर लगभग विराम लग गया है। पर्यटक तेजी से अपने टिकट कैंसल करा रहे हैं। ऐसे में अब तक पर्यटकों को लुभाने वाले पर्यटन विभाग ने अपनी नई जिम्मेदारी संभाल ली है। वह ऐसे पर्यटकों की मदद कर रहा है, जो अपना टूर कार्यक्रम कैंसल कर रहे हैं। विभाग टूर ऑपरेटरों को सहेज रहा है कि वह अपने ग्राहकों से समन्वयक स्थापित करें। टिकट कैंसल कराने पर न्यूनतम धनराशि काटना सुनिश्चित करें। जो पर्यटक अपने कार्यक्रम को लेकर आगे की तारीख तय कर रहे हैं, उनका टूर कार्यक्रम उनकी सुविधा अनुसार फिर से बनाएं। विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में इसे लेकर गुरुवार को टूर ऑपरेटरों की बैठक भी बुलाई गई। बैठक में उन्हेें इसे लेकर भी सहेजा गया कि वह अपने केंद्र पर कोरोना को लेकर पर्यटकों को जागरूक करने की व्यवस्था करें। इसे लेकर हैंडबिल और पोस्टर का इस्तेमाल करें।
होटल प्रबंधन को भेजा जागरूकता पत्र
क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय ने अपने यहां पंजीकृत होटलों के प्रबंधन से भी जागरूकता को लेकर संपर्क साधा है। उन्हें पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी संदिग्ध पर्यटक की जानकारी वह तत्काल प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को दे। इसके अलावा अपने कर्मचारियों को मास्क उपलब्ध कराए, साथ ही सैनिटाइजर के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें। पर्यटन विभाग ने पत्र के माध्यम यह भी निर्देश दिया है कि हर होटल के पूछताछ केंद्र पर जागरूकता बैनर जरूर लगाए। विभाग ने बैनर का मैटर भी प्रबंधन को उपलब्ध करा दिया है।
गोरखपुर और आसपास के जिलों में पर्यटकों का आवागमन लगभग 90 फीसद कम हो गया है। आंतरिक पर्यटक तो बिल्कुल नहीं आ रहा है। अपने कार्यक्रम के परिवर्तन में उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़ा इसके लिए तुर कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई है। होटल प्रबंधन से भी जागरूकता को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है।
- रवींद्र कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, गोरखपुर।