देवरिया जिले में फर्जी ढंग से चल रहे अस्पताल, आए दिन मरीजों की ले रहे जान
देवरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। हाल यह है कि आए दिन बिना डिग्री के ही अप्रशिक्षित लोग गर्भवती व बीमार मरीजों का आपरेशन कर रहे हैं। जिससे मरीजों की जान जा रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देवरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। हाल यह है कि आए दिन बिना डिग्री के ही अप्रशिक्षित लोग गर्भवती व बीमार मरीजों का आपरेशन कर रहे हैं। जिससे मरीजों की जान जा रही है। बिना डिग्री के आपरेशन कर ये झोलाछाप मोटी कमाई कर रहे हैं।
झोलाछाप के आपरेशन से हो गई थी गर्भवती की मौत
एक माह पूर्व मगहरा में एक झोलाछाप ने एक गर्भवती का आपरेशन किया था। जिससे गर्भवती की मौत हो गई। स्वजन ने शव रख कर मार्ग जाम किया तो आरापित के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किया। एक माह पूर्व भटनी व लार में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। आए कम रुपये के लालच में मरीजों को भर्ती कर उनका आपरेशन करने के नाम पर गर्भवती से 20 से 25 हजार रुपये वसूल रहे हैं।
दलालों की भी चांदी
अपने जाल में फंसा कर इनके यहां ले आने वाली महिलाओं की भी मोटी कमाई हो रही है। एक मरीज पर पांच से सात हजार रुपये उन्हें तत्काल अस्पताल में मरीज ले आते ही मिल जाते हैं। मरीज के भर्ती होने के बाद बेड चार्ज, दवाओं व आपरेशन के नाम पर मरीज का शोषण शुरू हो जाता है। आए दिन मरीजों व फर्जी अस्पताल संचालकों के बीच मारपीट तक की नौबत आती है।
97 अस्पतालों का है मात्र रजिस्ट्रेशन, चल रहे 150 से अधिक
शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में कुल 97 अस्पतालों का सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन है। जबकि सच्चाई यह है कि जिले में 150 से अधिक अस्पताल चल रहे हैं। बिना मानक पूरा किए फर्जी ढंग से चल रहे इन अस्पतालों के संचालकों को सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त है। सीएमओ कार्यालय से टीम छापा मार कर कार्रवाई करती है। अस्पताल सील होने के बाद कुछ ही दिन में फिर से मिलते जुलते नाम से ये फिर से फर्जी अस्पताल का संचालन शुरू कर देते हैं।
बहुत जल्द चलाया जाएगा अभियान
सीएमओ डा. आलोक पांडेय ने बताया कि जहां भी फर्जी ढंग से अस्पताल के चलने की सूचना मिलती है वहां टीम भेज कर कार्रवाई की जाती है। मरीजों की जान से खेलने का किसी को अधिकार नहीं है। बहुत जल्द अभियान चलाकर अस्पतालों का निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।