गोरखपुर में एक माह में चार गुना हो गए अस्पताल मगर कोरोना से अब भी बेहाल Gorakhpur News
अप्रैल के पहले केवल एक कोरोना अस्पताल यहां संचालित हो रहा था। 12 मई को जिले में कुल 47 कोविड अस्पताल हैं। 2056 बेड हैं। 169 वेंटीलेटर हैं। जबकि एक अप्रैल को बेडों की संख्या 907 थी और वेंटीलेटर 124 थे।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना से लडऩे के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। सरकार के सहयोग से अस्पतालों, बेडों व वेंटीलेटरों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। लेकिन संक्रमण उससे भी तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए सुविधाएं कम पड़ जा रही हैं। एक माह में कोरोना अस्पतालों की संख्या 11 से 47 हो गई। लेकिन आज भी कहीं बेड खाली नहीं हैं। मरीज परेशान हैं। वे कोविड कमांड सेंटर में फोन कर रहे हैं, वहां से भी उन्हें भर्ती होने में कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
अप्रैल से पहले सिर्फ एक अस्पताल, अब संख्या 47 हुई
अप्रैल के पहले केवल एक कोरोना अस्पताल यहां संचालित हो रहा था। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के 300 बेड कोरोना वार्ड में मरीज भर्ती किए जा रहे थे। इसके बाद इनकी संख्या बढ़ाई गई। एक अप्रैल को जिले में मेडिकल कालेज सहित 11 अस्पताल हो गए। लेकिन वे कम पडऩे लगे। लगातार अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जा रही है लेकिन मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है। 12 मई को जिले में कुल 47 कोविड अस्पताल हैं। 2056 बेड हैं। 169 वेंटीलेटर हैं। जबकि एक अप्रैल को बेडों की संख्या 907 थी और वेंटीलेटर 124 थे।
एक अप्रैल को स्वास्थ्य सुविधाएं
कोरोना अस्पताल लेवल थ्री- 01,
कोरोना अस्पताल लेवल टू- 10,
बेड- 907,
वेंटीलेटर- 124,
आक्सीजन कंसंट्रेटर- 60,
रेमडेसिविर- 00,
फेबीफ्लू- 00,
टीकाकरण- 161708,
आक्सीजन प्लांट- 03,
आक्सीजन उत्पादन- 46800 क्यूबिक मीटर,
सिलेंडर- 2600,
12 मई को स्वास्थ्य सुविधाएं
कोरोना अस्पताल लेवल थ्री- 01,
कोरोना अस्पताल लेवल टू- 46,
बेड- 2056,
वेंटीलेटर- 169,
आक्सीजन कंसंट्रेटर- 80,
रेमडेसिविर- 400 वायल से अधिक,
फेबीफ्लू- 500 पत्ता से अधिक,
टीकाकरण- 362752,
आक्सीजन प्लांट- 03,
आक्सीजन उत्पादन- 75660 क्यूबिक मीटर,
सिलेंडर- 4200,
अभी और बढ़ेगी अस्पतालों की संख्या
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि लगातार अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जा रही है। और 40 से अधिक अस्पतालों ने कोविड वार्ड बनाने की अनुमति मांगी है। शीघ्र ही औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें अनुमति दे दी जाएगी। इससे मरीजों को राहत मिलेगी।