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फूल से बने गुलाल से मनेगी होली, मिलेगा 140 रुपये किलो Gorakhpur News

इस बार होली का गुलाल पवित्र होगा। देवी मां और बाबा विश्वनाथ को चढ़े फूल का सदुप्रयोग किया जाएगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मंदिरों में चढ़े फूल से गुलाल बनाएंगी। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने सभी जनपदों को निर्देशित भी कर दिया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 03:10 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 03:10 PM (IST)
फूल से बने गुलाल से मनेगी होली, मिलेगा 140 रुपये किलो Gorakhpur News
हर्बल गुलाल बनाती मां काली स्वयं सहायता समूह की सदस्य। जागरण

प्रशांत सिंह, गोरखपुर : इस बार होली का गुलाल पवित्र होगा। देवी मां और बाबा विश्वनाथ को चढ़े फूल का सदुप्रयोग किया जाएगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मंदिरों में चढ़े फूल से गुलाल बनाएंगी। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने सभी जनपदों को निर्देशित भी कर दिया है। जिला स्तर पर मंदिरों का चयन वहां का विभाग कर रहा है। जबकि राज्य आजीविका मिशन ने प्रदेश के पांच प्रसिद्ध मंदिरों का चयन शासन स्तर से किया है। यहां के फूल से गुलाल बनाने के लिए सहायता समूह का चयन भी किया गया है। इनकी सूची प्रशासन को दी गई है। सिद्धार्थनगर में जिले के सिंहेश्वरी मंदिर व गालादेवी मंदिर में चढ़ने वाले फूल को दो स्वयं सहायता समूह की सदस्य ले जा रही हैं। इनसे गुलाल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यहां की महिमा और मां काली स्वयं सहायता समूह को नामित किया गया है।

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रोजाना चढ़ाए जाते हैं कई क्विंटल फूल 

मंदिरों में रोजाना कई क्विंटल फूल चढ़ाए जाते हैं। कई स्वयं सहायता समूह इन्हें अगरबत्ती बनाने के काम में प्रयोग कर रही हैं। होली पर इन्हीं फूलों से हर्बल गुलाल बनाने की योजना है। यह फूल निश्शुल्क मिलता है, अधिकतर गुलाब व गेंदा का फूल चढ़ाया जाता है।

ऐसे बनता है हर्बल गुलाल

फूल के पंखुड़ी को सुखाकर गर्म पानी में खौलाने के बाद रंग निकाला जाता है। पंखुड़ी को पीसकर तैयार आरारोट में इसे मिलाया जाता है। एक किलो गुलाल बनाने में 35 रुपये का आरारोट, पांच रुपये का इत्र व दस रुपये में पैकिंग का खर्च आ रहा है। वितरण कार्य में लगी समूह को 100 रुपये में मिलता है। बाजार में इसे 130 से 140 रुपये प्रतिकिलो की दर से बेचा जाएगा। सभी जनपदों में एक करोड़ का व्यापार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इन प्रमुख मंदिरों से यह समूह एकत्र करेंगी फूल

विंध्याचल मंदिर, मिर्जापुर- गंगा एवं चांद सहायता समूह

पाटनदेवी मंदिर, तुलसीपुर (बलरामपुर)- लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी- महादेव एवं बसंती स्वयं सहायता समूह

खाटू श्याम मंदिर, लखनऊ- मां जगदंबा स्वयं समूह सहायता समूह

गोला गोकर्णनाथ मंदिर, लखीमपुर खीरी- शिवपूजा प्रेरणा और शालिनी प्रेरणा स्वयं सहायता समूह

 हर्बल गुलाल बना रही हैं स्वयं सहायता समूह की महिलाए

सीडीओ पुलकित गर्ग ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं। आजीविका मिशन ने स्वयं सहायता समूह को मंदिरों में चढऩे वाले फूल को प्रयोग में लाने के लिए कहा है। इसके लिए प्रशासन से पत्राचार भी किया गया है। यहां पर दो समूह को मंदिरों से फूल एकत्र करने के लिए कहा गया है।

महिलाओं को जोड़ा जा रहा है लघु उद्यम से

ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य परियोजना प्रबंधक आचार्य शेखर ने बताया कि महिलाओं को वित्तीय और तकनीकी सहायता देकर लघु उद्यम से जाेड़ने का काम किया जा रहा है। होली को देखते हुए यह हर्बल गुलाल बना रही हैं। मंदिर के फूल का भी प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए सभी ब्लाकों को निर्देशित किया है।


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