यहां दो दिन से पानी में काम करने को मजबूर हैं कर्मी, जानिए क्या है मामला Gorakhpur News
यांत्रिक कारखाने के चक्का घर और वायरिंग अनुभाग में पानी लग गया है। रेलकर्मी दहशत में हैं। वे पानी में ही कार्य करने को मजबूर हैं। इसको लेकर कर्मचारियों में रोष है लेकिन कारखाना प्रबंधन उदासीन बना हुआ है।
गोरखपुर, जेएनएन : यांत्रिक कारखाने के चक्का घर और वायरिंग अनुभाग में पानी लग गया है। रेलकर्मी दहशत में हैं। वे पानी में ही कार्य करने को मजबूर हैं। इसको लेकर कर्मचारियों में रोष है, लेकिन कारखाना प्रबंधन उदासीन बना हुआ है।
एनई रेलवे मेंस कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
कर्मचारियों की दिक्कतों को लेकर एनई रेलवे मेंस कांग्रेस ने कारखाना प्रबंधन को ज्ञापन भी सौंपा है। मेंस कांग्रेस के संरक्षक सुभाष दूबे के अनुसार बारिश में जल जमाव के चलते दो दिनों से रेलकर्मी परेशान हैं। कारखाने का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। संबंधित अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराने के बाद भी जल के निकासी को कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा है। इंजीनियर भी उदासीन बने हुए हैं और अपने दफ्तरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। कोविड काल में कर्मचारियों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है। पानी की निकासी नहीं हुई तो भी कोई दुर्घटना हो सकती है। इसकी पूरी जिम्मेदारी कारखाना प्रबंधन की होगी। उन्होंने आंदोलन की चेतावनी देते हुए रेलवे प्रशासन से यथाशीघ्र पानी निकासी कराने की मांग की है।
एस्मा लगाने से कर्मचारियों में आक्रोश
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने राज्य सरकार द्वारा सरकारी विभागों एवं निगमों में किसी प्रकार के हड़ताल पर रोक लगाने के लिए प्रभावी किए गए एसेंसियल सर्विसेज मेंटीनेंस एक्ट (एस्मा) लगाने पर आक्रोश व्यक्त किया है। आनलाइन बैठक करते हुए परिषद के पदाधिकारियों ने इसे वापस लेने की मांग की।
सरकार ने नहीं मानीं मांगें
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने निलंबित भत्तों को बहाल करने, कैशलेस इलाज, वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित कई मांगें नहीं मानी हैं। अब कर्मचारी आंदोलन की तैयारी कर रहे थे तो एस्मा लगाकर सरकार उसे रोकना चाहती है। पर, कर्मचारी सरकार के डाराने से डरने वाले नहीं हैं, वे अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे। सरकार एस्मा हटाकर लंबित मांगों को पूरा करे। बैठक का संचालन जिला मंत्री अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान ई. बृजेश द्विवेदी, अनिल किशोर पांडेय, मदन मुरारी शुक्ला, गोविंद, तारकेश्वर शाही, अरुण द्विवेदी, वरुण वैरागी, नुजरत हुसैन, अनूप कुमार श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।