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यहां तैयार हो रहे जामुन के रंग के आम, अन्य प्रांतों में बढ़ी मांग

बस्ती में अब जामुन के रंग का आम का फल मिलेगा। पौधा तैयार हो गया है। एक साल में यह फल देने लगेगा। पौधे की डिमांड शुरू हो गई है।

By Edited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 08:29 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 10:18 AM (IST)
यहां तैयार हो रहे जामुन के रंग के आम, अन्य प्रांतों में बढ़ी मांग
यहां तैयार हो रहे जामुन के रंग के आम, अन्य प्रांतों में बढ़ी मांग
गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के इकलौते अत्याधुनिक पाली हाउस बस्ती जिले के बंजरिया में फलों व सब्जियों पर नित नए शोध हो रहे हैं। इस बार वैज्ञानिकों ने आम के परंपरागत रंग से अलग हट कर जामुन रंग के आम की पौध तैयार की है। इसका रंग जामुन जैसा होगा और स्वाद आम की तरह। पौधे से पेड़ बनने में कुछ समय लगेगा। इस फल की बाजार में बिक्री में अभी समय लगेगा, लेकिन तैयारी अभी से शुरू हो गई है।
भारत व इजरायल के सहयोग से बनाए गए सेंटर-आफ-एक्सीलेंस फार-फ्रूट पाली हाउस में वैज्ञानिक रंगीन आम के दो हजार पौधे तैयार कर रहे हैं। इसकी खासियत यह है कि जब सभी प्रकार के आम का सीजन समाप्त हो जाएगा तब यह पक कर तैयार होगा। उस समय इसकी मांग सर्वाधिक होगी। अन्य आम से बेहतर स्वाद वैज्ञानिकों की माने तो इसका स्वाद भी अन्य आम से बेहतर होगा। यहां तैयार की जा रही आम की नर्सरी में पीतांबर, अरुणिमा, अरुणिका, अंबिका, ऊषा, सूर्या, रुमानी और मल्लिका प्रजाति शामिल हैं।
प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आम के पौधे लेने के लिए व्यापारी लगातार आ रहे हैं। एक साल में तैयार हो जाएगा फल इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट के प्रभारी धर्मेंद्र चंद्र चौधरी ने बताया कि जामुनी आम के पौधे एक साल में ही फल देने लगते हैं। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि 3 साल वाले पौधों के ही फल बेहतर होंगे। क्या है इजरायली तकनीक पाली हाउस में इजरायली तकनीक से तैयार किए जा रहे आम व सब्जी के पौधे खास होते हैं। पहले यहां देसी विधि से आम के पौधे तैयार होते थे।
इजरायल की तकनीक यह है कि पौधे मरते नहीं हैं। कीट-रोग का खतरा नहीं रहता है। ड्रिप सिस्टम से ¨सचाई की जाती है। पहली बार तैयार हो रहे जामुन के रंग के पौधे इस संबंध में उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डा. आरके तोमर का कहना है कि पाली हाउस में पहली दफा जामुन के रंग वाले आम के पौधे तैयार किए जा रहे। नर्सरी डाल दिए गई है। यूपी समेत बिहार, झारखंड, उत्तराखंड में पौधे भेजे जाते हैं।

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