यहां मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी भी उधार के भरोसे
जिलों में मनरेगा मजदूरों का बुरा हाल है। कहीं मजदूरों को मजदूरी ही नहीं मिल रही है तो कहीं काम ही नहीं मिल रहा है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। बस्ती जनपद में मनरेगा मजदूरों के सामने दिहाड़ी के भी लाले हैं। उनसे काम तो लिया जा रहा है, मगर मजदूरी का भुगतान करने में हीलाहवाली की जा रही है। हालत यह है कि पांच साल से उन्हें मजदूरी का नियमित भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिले में अब भी करीब चार करोड़ रुपये मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी के बकाया है।
लगातार निर्देशों के बाद भी मनरेगा श्रमिकों को समय से मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में 377.45 लाख रुपये मनरेगा श्रमिकों का विभिन्न ब्लाकों में बकाया है। मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों को नियमत: 15 दिन के अंदर मजदूरी का भुगतान किए जाने का निर्देश है लेकिन ब्लाकों में इस गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। विभिन्न ब्लाकों में काम करने के बाद भी श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है। पांच साल में किसी भी वर्ष मजदूरों को शत प्रतिशत मजदूरी नहीं मिल पाई है। वर्ष 2014-15 में 11.62 लाख, वर्ष 2015-16 में 27.34 लाख, वर्ष 2016-17 में 53.87 लाख, वर्ष 2017-18 में 121.73 लाख और वर्ष 2018-19 में 162.89 लाख रुपये मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी अवशेष है।
विकास खंडवार मनरेगा मजदूरों का बकाया
मनरेगा श्रमिकों का बहादुरपुर ब्लाक में 38.96 लाख रुपये, बनकटी में 36.73 लाख, बस्ती सदर ब्लाक में 8.66 लाख, दुबौलिया ब्लाक में 10.51 लाख, गौर ब्लाक में 62.12 लाख, हर्रैया में 26.66 लाख, कप्तानगंज ब्लाक में 17.82 लाख, कुदरहा में 34.4 लाख, परशुरामपुर में 47.79 लाख, रामनगर में 15.19 लाख, रुधौली में 29.09 लाख, सल्टौआ गोपालपुर में 8.63 लाख, सांऊघाट में 21.94 लाख और विक्रमजोत ब्लाक में 18.95 लाख रुपये बकाया है।
बस्ती जिले को मिल चुकी है कड़ी चेतावनी
पिछले दिनों आयुक्त ग्राम्य विकास कांफ्रेंसिंग कर मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को समय से मजदूरी का भुगतान न करने पर गाजीपुर, बलिया, रामपुर, एटा जिले के साथ ही बस्ती जिले को भी कड़ी चेतावनी दी थी।
दंडित होंगे भुगतान न करने वाले अफसर
बस्ती के मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि सभी बीडीओ, कार्यक्रम अधिकारी को पत्र भेज कर निर्देश दिया गया है कि श्रमिकों के लंबित भुगतान के लिए दोषी अधिकारी, कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करें। उनका माह सितंबर का वेतन तब तक आहरित न करें जब तक कि मजदूरी का शत प्रतिशत भुगतान न हो जाए।
देवरिया में भी मनरेगा मजदूरों का बुरा हाल, डेढ़ लाख श्रमिक रोजगार से वंचित
देवरिया : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में 2.06 लाख श्रमिक परिवारों को पंजीकृत किया गया है, जिसमें मात्र 60211 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है। इन श्रमिकों ने 19.62 लाख मानव दिवस सृजित किया है, जबकि 1.46 लाख श्रमिकों को रोजगार नहीं मिला है। इसका मुख्य कारण ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के अलावा अन्य किसी कार्य का न होना है। शौचालय निर्माण ठेकेदारों के माध्यम से कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में श्रमिकों को रोजगार ग्राम पंचायतों में मिलना मुश्किल हो गया है।