Hello, मैं प्रधानमंत्री कार्यालय से बोल रहा हूं...ऐसा फोन आए तो हो जाएं सावधान Gorakhpur News
पीएम आवास के लिए आवेदन करने वालों में कुछ लोगों के पास इन दिनों रुपये दिलाने के लिए फोन आ रहे हैं। फोन पर बात करने वाला खुद को पीएम कार्यालय का कर्मचारी बता कर पैसे मांग रहा हैं।
गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। 'हेलो, मैं प्रधानमंत्री कार्यालय से बोल रहा हूं। आपने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था, आपका आवेदन स्वीकृत हो गया है। आप खाते (एक बैंक खाते का नंबर) में पांच हजार रुपये डाल दीजिए।' पीपीगंज की रहने वाली महिला के पास फोन आया तो उसने पति को बिना बताए खाते में रुपये डलवा दिए। रुपये खाते में जाते ही दोबारा फोन आया कि यदि 10 हजार और जमा कर दो तो आवास के लिए दोनों किश्त के रुपये एक साथ भेज दिए जाएंगे। महिला का माथा ठनका तो उसने पति को जानकारी दी। पति ने आसपास के लोगों से पूछा तब ठगे जाने का एहसास हुआ।
रुपये जमा करते ही बंद हो जा रहे नंबर
प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन करने वालों में कुछ लोगों के पास इन दिनों रुपये दिलाने के लिए फोन आ रहे हैं। फोन पर बात करने वाला खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का कर्मचारी बता रहा हैं और एक खाता नंबर देकर रुपये जमा करने को कह रहा है। रुपये जमा करने के साथ ही नंबर बंद हो जा रहा है।
महिला के पास आया फोन
कूड़ाघाट में रहने वाली महिला के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह पवन तिवारी बोल रहा है। पता बताया, प्रधानमंत्री आवास कार्यालय इंदिरा नगर। एक खाता नंबर देकर बोला कि 2.67 लाख रुपये का चेक बन गया है। प्रोसेसिंग के लिए ढाई हजार रुपये जमा करने पड़ेंगे। महिला ने इसकी जानकारी पूर्व पार्षद रणंजय सिंह जुगनू को दी। जुगनू ने उस नंबर पर काल किया तो पवन तिवारी नाम का यह युवक अपनी बात पर अडिग रहा। जुगनू ने गोरखपुर के लिए परियोजना अधिकारी डूडा तेज कुमार से बात कराई तो उन्होंने युवक से कहा कि ऐसा कोई कार्यालय लखनऊ में नहीं है। इस पर युवक ने फोन काट दिया।
ऑनलाइन आवेदन करने वालों का डाटा हो रहा लीक
जिन लोगों के पास रुपये को लेकर फोन आ रहे हैं उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। यानी ऑनलाइन आवेदन करने वालों का डाटा किसी स्तर पर लीक हो रहा है। इसका फायदा उठाकर फ्राड करने वाले आवेदकों के पास फोन कर रहे हैं।
यह है जिले की स्थिति
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में जिले की आठ नगर पंचायत और नगर निगम में कुल 38318 आवास स्वीकृत हैं। प्रथम जियो टैग के 23590 आवास के सापेक्ष 18752 लोगों को मकान निर्माण के प्रथम किश्त के रूप में 50-50 हजार की धनराशि उनके बैंक खातों में भेज दी गई है। 12025 लोगों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की दूसरी किश्त दी जा चुकी है। 10402 मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर रुपये जमा कराने की शिकायत मिली है। आवेदकों को ऐसे फोन काल से सचेत रहना चाहिए। यदि कोई आवास के नाम पर बैंक अकाउंट में रुपये जमा करने को कह रहा है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। - तेज कुमार, परियोजना अधिकारी डूडा।