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Gorakhpur Weather Update: बादलों ने डाला डेरा, दो जुलाई के बाद फ‍िर भारी बारिश के आसार

Gorakhpur Weather Update गोरखपुर में बादलों ने डेरा डाल दिया है। यहां दो जुलाई के बाद फ‍िर भारी बारिश के आसार बन रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 09:45 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 12:06 PM (IST)
Gorakhpur Weather Update: बादलों ने डाला डेरा, दो जुलाई के बाद फ‍िर भारी बारिश के आसार
Gorakhpur Weather Update: बादलों ने डाला डेरा, दो जुलाई के बाद फ‍िर भारी बारिश के आसार

गोरखपुर, जेएनएन। Gorakhpur Weather Update: गोरखपुर में पिछले तीन-चार दिन से रुक-रुककर बारिश जारी है। सोमवार का दिन पूरी तरह मानसूनी माहौल के हवाले रहा। दिन की शुरुआत घने काले बादलों और झमाझम बारिश के साथ हुई तो दोपहर बाद चमकदार धूम ने उमस बढ़ाकर लोगों को बेचैन कर दिया। मौसम विशेषज्ञ की मानें तो यह सिलसिला फिलहाल बरकरार रहने वाला है। दो जुलाई के बाद के लिए एक बार फिर भारी बारिश की वायुमंडलीय परिस्थितियां तैयार हो रही हैं।

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चार घंटे में 83.8 मिलीमीटर बारिश

मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के मुताबिक सोमवार को महज चार घंटे में 83.8 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। हालांकि मौसम विभाग के पैमाने में यह 36.8 मिलीमीटर ही दर्ज की जा सकी। इसकी वजह यह रही कि मौसम विभाग का पैमाना सिंघडि़या में लगा हुआ है, जहां शहर के मुकाबले कम बारिश हुई। बारिश के बाद जब आसमान साफ हुआ तो धूप ने अपना तेवर दिखाना शुरू किया और ऐसे में दोपहर बाद उमस भरी गर्मी बढ़ गई। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि यह बारिश हिमालय के तलहटी क्षेत्र में बने निम्न वायुदाब के चलते हुई है। अभी वह परिस्थतियां बनी हुई हैं। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर एक चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र अलग से बन गया है। ऐसे में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला रूक-रूक कर चलता रहेगा। दो जुलाई तक एक अन्य निम्न वायुदाब क्षेत्र पंजाब से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार तक बनने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो दो जुलाई के बाद एक बार भारी बारिश हो सकती है।

खेती में बढ़े खर्चे से आहत किसानों को मिली राहत

बारिश ने शहरी लोगों की परेशानी भले ही बढ़ा दी है लेकिन इससे धान की खेती करने वाले किसानों को बड़ïी राहत मिली है। वह फिलहाल सिंचाई के खर्च से बच गए हैं। जिले में इस बार 1.5 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का कृषि विभाग ने अनुमान जताया है। करीब एक लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है। किसानों की चिंता यह थी कि डीजल की कीमत बढऩे से फसल की सिंचाई महंगी होगी, लेकिन तेज बारिश ने उन्हें राहत दी है।

सब्जी किसानों की बढ़ी समस्या

कैंपियरगंज, सहजनवां, खोराबार, चरगांवा क्षेत्र में किसान बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती करते हैं। कैंपियरगंज क्षेत्र के किसान जोखन गौड़ कहते हैं कि पहले कोरोना संक्रमण के चलते सब्जी किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। अब बारिश उनके लिए मुसीबत बन गई है।

शहर के नाले उफनाए, घरों-दुकानों में घुसा पानी

बारिश से शहर के नाले उफना गए। पॉश कॉलोनी बेतियाहाता में कई मकानों व गोदामों में पानी घुस गया। बहरामपुर के जफर कॉलोनी में जलभराव से नागरिक घरों से बाहर नहीं निकल पाए। तारामंडल रोड के किनारे के मोहल्लों में पहले से लगा पानी हटा भी नहीं था कि फिर बारिश ने मुसीबत खड़ी कर दी। दाउदपुर में नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल के घर के सामने का रास्ता जलभराव के चलते देर शाम तक बंद रहा। धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे पानी लगने से आवागमन पूरी तरह ठप रहा। सबसे बुरा हाल शहर से सटी कॉलोनियों का है। जीडीए कार्यालय के सामने के मोहल्लों में दो फीट से ज्यादा ऊंचाई तक पानी भर गया। कार्यालय के पीछे के मोहल्लों में भी जलभराव हो गया। नालों का पानी ओवरफ्लो होकर मोहल्लों में जा रहा है। नंदानगर, सूरजकुंड, रसूलपुर, तिवारीपुर, शताब्दीपुरम आदि इलाकों में जलभराव से लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ रहा है।

मेडिकल कॉलेज रोड किनारे जलभराव

मेडिकल कॉलेज रोड किनारे के मोहल्लों में जलभराव से नागरिक परेशान हैं। पंङ्क्षपग सेट समय से न चलने के कारण पानी नहीं निकल पा रहा है। लोक निर्माण विभाग की ओर से बनाया गया नाला पहले से ही ऊंचा है इसलिए नाले से होकर पानी निकलना संभव नहीं है।

जलभराव दूर कराने को दौड़ते रहे अफसर

बारिश से शहर में जलभराव की जानकारी होने के बाद नगर निगम की टीम इधर-उधर दौड़ती रही। विजय चौराहे पर नाला ओवरफ्लो होने से गंदा पानी सड़क पर बहने लगा तो नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश रस्तोगी टीम लेकर पहुंचे। नाले के ऊपर से गुजरने के लिए कुछ लोगों ने इसे पूरी तरह बंद कर दिया था। नाला गैंग ने अतिक्रमण हटाया तो कुछ ही देर में पानी निकल गया।


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