सुबह जमकर हुई बारिश, दिन भर खराब रहा मौसम
सोमवार को तड़के बादल गरजे और तेज बारिश हुई। सुबह करीब साढ़े तीन बजे पुरानी नौगढ़ कस्बे में एक निजी कंपनी के टावर पर बिजली गिरी जिससे टावर क्षतिग्रस्त हो गया हालांकि जानमाल की हानि नहीं हुई है।
सिद्धार्थनगर : सोमवार को तड़के बादल गरजे और तेज बारिश हुई। सुबह करीब साढ़े तीन बजे पुरानी नौगढ़ कस्बे में एक निजी कंपनी के टावर पर बिजली गिरी, जिससे टावर क्षतिग्रस्त हो गया, हालांकि जानमाल की हानि नहीं हुई है। सुबह 10 बजे तक रिमझिम बारिश होती रही। सूरज कुछ पल के लिए निकले फिर पूरे दिन बदली छायी रही। ठंड के कारण लोग अपने घरों में कैद रहे। जगह-जगह फाल्ट के चलते दोपहर तक कई क्षेत्रों में बिजली भी गुल रही।
बारिश के चलते शहर व कस्बों में जल-जमाव हो गया है। पिछले 24 घंटे में करीब 62.2 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड दर्ज की गई है। पीडब्ल्यूडी कार्यालय, सिचाई विभाग, नौगढ़ पीएचसी, सदर तहसील परिसर में पानी लगा रहा। कर्मचारियों को भी अपने कार्यालय तक पहुंचने में मुसीबत झेलनी पड़ी। तीन दिनों से मौसम बारिश वाला बना हुआ है। पूरे दिन मौसम खराब ही रहा। वर्षा होने के बाद गलन में थोड़ी कमी जरूर आई है, पर ठंड में वृद्धि बनी रही। किसानों के लिए मौसम कहीं फायदेमंद है तो जहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं हो पाई है वहां फसल के नुकसान की आशंका बन गई है। निचले स्थल पर जो खेत हैं, वहां पानी भर गया है। किसान चिह्नित हैं कि अगर बारिश इसी तरह से होती रही तो फिर भारी क्षति हो जाएगी। सर्वाधिक नुकसान का खतरा आलू, सरसों व मटर की सब्जी पर मंडरा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के विशेषज्ञ डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि किसान सतर्क करें और खेतों का निरीक्षण करते हैं, कहीं जलजमाव दिखाई दे तो तुरंत उसके निकासी का प्रबंध करें, नहीं तो फसल की क्षति हो जाएगी।
राज्य कृषि मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने कहा कि कल से मौसम में कुछ परिवर्तन होने की संभावना है। बारिश खत्म हो जाएगा और ठंड में भी थोड़ी कमी आने की उम्मीद है।
शहर से गांव तक जलभराव : रात में हुई बारिश के बाद शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में जलभराव से स्थिति नारकीय बन गई है। आवागमन में राहगीरों को कष्ट उठाना पड़ रहा है। तहसील गेट पर पानी भरा है तो पंजाब नेशनल बैंक के सड़क किनारे काफी जलभराव है। सड़क की पटरियों पर कीचड़ है। बिस्कोहर कस्बे में भी यही स्थिति है। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़या, मिठौवा, सोहना, बिजौरा, कठेला आदि स्थानों पर जगह-जगह जलभराव व कीचड़ की स्थिति बनी हुई है।