डा. सतीश निर्दोष, उन्हें फंसाया गया
जागरण संवाददाता, गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग वार्ड में बीते साल अगस्त महीने में हुई बच्
जागरण संवाददाता, गोरखपुर
बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग वार्ड में बीते साल अगस्त महीने में हुई बच्चों की मौत के मामले में जेल में बंद डा. सतीश कुमार को उनके परिजनों व डाक्टरों ने निर्दोष बताया। उनका कहना है कि डॉ. सतीश कुमार आक्सीजन के प्रभारी नहीं थे, साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है। आरोप सिद्ध न होने के बाद भी उन्हें सात महीने से जेल में रखा गया है।
डॉ. सतीश कुमार की पत्नी अनीता और बेटी पल्लवी व आइएमए के उपाध्यक्ष डा. अजय शुक्ला सोमवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में सरकार शुरू से कह रही है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन के कारण नहीं हुई। इसके बावजूद डाक्टरों को निशाना बनाया गया। इसी कारण अब भी डा. सतीश कुमार व डा. राजीव मिश्रा को जमानत तक नहीं मिली है।
डा. सतीश की पत्नी अनीता ने कहा कि कि डा. सतीश कुमार पर सबसे बड़ा आरोप बिना बताए छुट्टी पर जाने का लगा। जबकि छुट्टी तत्कालीन प्रधानाचार्य द्वारा ही स्वीकृत की गई थी। जैसे ही बीआरडी की घटना का पता चला वह 13 अगस्त को वापस वापस लौट आए थे। मामला बिगड़ने पर डॉ. सतीश को जानबूझकर ऑक्सीजन प्रभारी बताया जाने लगा, जबकि वह एनेस्थिसिया विभाग के विभागाध्यक्ष थे। डा. सतीश कुमार अनुरक्षण अधिकारी भी थे, लेकिन उनकी जिम्मेदारी मशीनरी, पाइप लाइन के रख रखाव तक थी। ऑक्सीजन की खरीद और ऑर्डर देने का अधिकार नहीं था। अनीता ने कहा कि उनके पति पर 27 साल के करियर में कोई दाग नहीं लगा है। उन्हें पता भी नहीं था कि उन्हें आरोपी बनाया जा रहा है। वह एक चिकित्सक हैं और जाच में पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हैं। लेकिन फिर भी उनको जमानत नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा डा. सतीश की कुमार का स्वास्थ्य जेल में ठीक नहीं है। वह खाना तक ठीक से नहीं खा पाते हैं। डॉक्टर पहले ही उन्हें काफी सावधानी हालत जेल में बिगड़ती जा रही है।
जेल में बंद पूर्व प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा को दोबारा लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। यह बताया कि सतीश कुमार की जमानत याचिका पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।