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तेरे साथ क्या हुआ मां, तू रो क्यों रही है?

70 वर्षीय विद्या देवी को उसकी बहू ने घर से निकाल दिया है। वह तीन दिन में भूखे प्यासे सहजनवा से पैदल चलकर अपनी बेटी के घर जा रही थीं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 04:34 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 04:34 PM (IST)
तेरे साथ क्या हुआ मां, तू रो क्यों रही है?
तेरे साथ क्या हुआ मां, तू रो क्यों रही है?

गोरखपुर, जेएनएन। जो मां अपनी कोख में बच्चे को नौ माह तक पालती है और उसे काबिल बनाने में पूरी ¨जदगी खपा देती है वही बच्चे जब काबिल बनते हैं तो अपने बुजुर्ग मां-बाप को घर से बाहर कर देते हैं। विचलित करने वाली यह घटना कोई इकलौती नहीं है बल्कि इस समाज में अब यह घटनाएं आम होने लगी है। शुक्रवार की सुबह 11 बजे मेहदावल कस्बे के रोडवेज तिराहे पर लाठी के सहारे चल रही बुजुर्ग 70 वर्षीय विद्या देवी एक दुकान पर पहुंचते ही गिर पड़ती हैं। तुरंत कुछ लोग उन्हें सहारा देते हैं और परिचय पूछते हैं तो महिला फफक-फफक कर रोने लगती है।

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विद्या देवी ने यह बताया कि वह गोरखपुर जनपद की सहजनवां तहसील के पनिका गांव की रहने वाली हैं। उनके पति नारायण कोलकाता स्थित गन फैक्ट्री में काम करते थे। दो वर्ष पहले उनकी मौत हो चुकी। बढ़ती उम्र के कारण विद्या के पैरों ने जवाब दे दिया, जिसके कारण उन्होंने लाठी को सहारा बना लिया। पति की मौत के बाद से विद्या देवी का इकलौता पुत्र मोहन दिल्ली में नौकरी करता है। विद्या देवी का कहना है कि बहू इंद्रावती दो साल से उन्हें परेशान कर रही है। यही नहीं मारपीट कर कई बार घर से निकला दिया। मजबूरन सहजनवां में ही भीख मांग कर पेट पालने लगीं।

मंगलवार को बेटे व बहू द्वारा प्रताड़ित होने पर वह मेहदावल के लिए निकल पड़ीं। मेहदावल के बसडीला गांव में रमेश के घर उनकी बेटी मंजू की शादी हुई है। सहजनवा से मेहदावल की यात्रा उन्होंने पैदल ही तीन दिनों में पूरी की। पेट भरने के लिए भोजन नहीं था। कभी बस स्टेशन पर सो गई तो कभी किसी ने गाड़ी पर बैठाकर रास्ता पार करा दिया। शुक्रवार को पूर्व प्रधान शेष प्रताप ¨सह, पूर्व सभासद अरुण ¨सह, बाबूराम यादव आदि ने महिला को फफक-फफक कर रोते देखा तो उसको शरण दिया। भोजन कराया और पानी पिलाया एवं उसके दुख दर्द को जाना।

एसडीएम ने महिला को बेटी के घर पहुंचाया

ग्रामीणों ने बुजुर्ग महिला की कहानी एसडीएम जसधीर ¨सह को बताई। एसडीएम खुद महिला के पास पहुंचे। उन्होंने वृद्धा को कंबल दिया। कुछ नकदी देकर उन्हें लेखपाल के साथ बेटी के घर पहुंचाया। एसडीएम ने लेखपाल से उनके परिजनों को ताकीद कराया कि महिला को किसी प्रकार की परेशानी हुई तो प्रशासन कार्रवाई करेगा।


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