गोरखपुर में भी शुरू होगा हैप्पीनेस पाठ्यक्रम, शिक्षा विभाग ने शुरू की तैयारी Gorakhpur News
दिल्ली में सफलतापूर्वक चल रहा हैप्पीनेस पाठ्यक्रम अब गोरखपुर में भी शुरू होगा। शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। जबसे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में संचालित हो रहे हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की तारीफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ने की है, तबसे देश ही नहीं पूरी दुनिया में इसका आकर्षण बढ़ गया है। चूंकि पाठ्यक्रम तैयार करने वालों में गोरखपुर के श्रवण शुक्ल भी शामिल हैं, अब ऐसे में जिला प्रशासन ने उनका लाभ उठाने की योजना बनाई है।
शिक्षा विभाग ने स्वीकार किया डीएम का अनुरोध
जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग की मदद से श्रवण से संपर्क साधा है और पाठ्यक्रम को गोरखपुर के परिषदीय विद्यालयों में संचालित करवाने का अनुरोध किया है। अनुरोध स्वीकार कर श्रवण ने कार्ययोजना तैयार करने की हामी भर दी है। इसको लेकर उनके साथ जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी जल्द ही बैठक करेंगे। श्रवण ने बताया कि प्रथम चरण में हर ब्लाक के एक मॉडल प्राथमिक विद्यालय या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पाठ्यक्रम को लागू करने पर डीएम व बीएसए से चर्चा हुई है। इसके बाद अन्य विद्यालयों में इसके विस्तार पर विचार किया जाएगा। बताया कि उनकी टीम का लक्ष्य पाठ्यक्रम को ग्लोबल बनाना है, जिसकी शुरुआत मेलानिया की सकारात्मक प्रतिक्रिया से हो चुकी है। फिलहाल 40 मिनट का यह पाठ्यक्रम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में (नर्सरी से कक्षा आठ तक के) प्रतिदिन पहले पीरिएड में चलाया जा रहा है।
यह है इसका उद्देश्य
हैप्पीनेस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बिना किसी तनाव के हंसी-खुशी के माहौल में शैक्षिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। विद्यार्थियों को क्षणिक से स्थायी खुशी की ओर ले जाना है।
ऐसे संचालित होता है पाठ्यक्रम
इसमें बारी-बारी चार विधियों का इस्तेमाल किया जाता है। पहली विधि 'माइंड फुलनेस' की है, जिसमें बच्चों को ध्यान कराया जाता है। इससे वह भावनात्मक रूप से स्थिर होते हैं। शांति व खुशी के अहसास की ओर बढ़ते हैं। दूसरी 'स्टोरी टेलिंग' है, जिसमें बच्चों को कहानी सुनाकर उनसे गंभीर सवाल-जवाब करने की बजाय कहानी के भाव और मूल्यों से जोडऩे की कोशिश होती है। तीसरी विधि 'गतिविधि' है, जिसमें खेल-खेल में बच्चों की विश्लेषणात्मक क्षमता और तर्कशीलता को बढ़ाने की कोशिश की जाती है। अंतिम विधि 'अभिव्यक्ति' में विद्यार्थियों को बिना झिझक अपनी बात करने का मौका दिया जाता है।
हैप्पीनेस पाठ्यक्रम तैयार करने वालों मेें गोरखपुर के श्रवण शुक्ल भी शामिल हैं। इसका लाभ गोरखपुर के विद्यार्थियों को भी मिले, इसके लिए उनसे बात की गई है। जल्द ही बैठक कर पाठ्यक्रम को परिषदीय विद्यालयों में संचालित करने की योजना तैयार कर ली जाएगी। - के. विजयेंद्र पाण्डियन, जिलाधिकारी, गोरखपुर।