हाट सीट बनी गोरखपुर सदर विधानसभा, आरएमडी बोले- विधायक रहूं या न रहूं, जनता के बीच बना रहुंगा
सीएम योगी आदित्यनाथ के सदर विधान सभा से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद यह सीट अचानक हाट सीट हो गई है। इस बीच इस बीच सदर विधान सभा से चार विधायक ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह जनता की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर सदर विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणाा के बाद पूर्वांचल की राजनीति गरमा गई है। गोरखपुर सदर विधान सभा भाजपा का गढ़ रही है लेकिन योगी आदित्यनाथ के स्वयं मैदान में उतरने से यह सीट अचानक हाट सीट बन गई है। गोरखपुर बस्ती मंडल की कुल 41 विधानसभा सीटों में 37 सीटें भाजपा गठबंधन के पास हैैं। शेष चार पर सपा, बसपा, कांग्रेस व निर्दलीय हैैं। माना जा रहा है कि यह सीट पूरे पूर्वांचल की राजनीति को प्रभावित करेगी। योगी के मैदान में उतरने के अन्य पार्टिया अब नए सिरे से अपनी रणनीति तय करने में लगी हैं।
राधा मोहन ने तोड़ी चुप्पी, सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए
इस बीच सदर विधान सभा से चार विधायक डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह जनता की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। रविवार को नगर विधायक डाक्टर राधामोहन दास अग्रवाल (आरएमडी) ने अपनी विधानसभा मानबेला में निर्माणाधीन सीसी रोड का निरीक्षण करने के बाद इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखी। ट्विटर और फेसबुक अकाउंट के जरिये आरएमडी ने बताया कि 'विधायक रहने या न रहने से, सेवा प्रभावित नहीं होगी'। एक अन्य ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा कि 'वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद का हमारा दायित्व, आप जानते हैं कि हम समस्त कार्य करवा लेंगे। विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल की गोरखपुर शहर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लडऩे की घोषणा के बाद आरएमडी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले पर आरएमडी का कहना है कि हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं और फैसले का स्वागत करते हैं। हालांकि पार्टी उनके बारे में क्या सोच रही है, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
मानबेला खास में
एक और पचास साला सीसीरोड
का निर्माण अपनी उपस्थिति में करवाया
विधायक रहने या न रहने से
सेवा प्रभावित नहीं होगी@myogiadityanath @JPNadda @DattRajeev @madanmohansingh @santoshks1982 @pankajjha_ @ranveerabp @brajeshlive @manishsNBT pic.twitter.com/OkC2xJiMdJ— Dr.radha mohan das agrawal (@AgrawalRMD) January 16, 2022
इंटरनेट मीडिया पर तरह-तरह की टिप्पणी
सीएम योगी आदित्यनाथ के मैदान में उतरने पर अब शहर में जितनी चर्चा इस बात की है कि नगर विधायक क्या करेंगे? पार्टी उन्हें किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ाएगी या कोई अन्य जिम्मेदारी सौंपेगी, फिलहाल इस पर पर्दा पड़ा है। पार्टी का निर्णय यह तय करेगा कि आरएमडी को लेकर प्रदेश या केंद्रीय नेतृत्व के मन में क्या चल रहा है। रोजाना रात आठ बजे फेसबुक पर लाइव होने वाले नगर विधायक डा राधामोहन दास अग्रवाल ने स्थगित कर दिया तो इंटरनेट मीडिया पर टिप्पणियों की कतार लग गई। मैसेज के जरिये कोई सांसद तो कोई उनके राज्यपाल बनने की अटकलें लगाता रहा। कई ऐसे भी थे, जिन्होंने उन्हें सपा में शामिल होने की सलाह दी। कई समर्थकों ने उन्हें धैर्य का परिचय देते हुए पार्टी के आगामी निर्णयों पर नजर रखने को कहा तो कई ऐसे भी थे, जिन्होंने आरएमडी से अपील करते हुए लिखा कि योगीजी ने आपको बहुत कुछ दिया, अब वापस करने की बारी आपकी है।
योगी के सामने कौन, दलों में मंथन
भाजपा ने शहर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रत्याशी बनाकर जो दांव चला है, विपक्षी खेमा उसमें बुरी तरह उलझ गया है। योगी के खिलाफ मैदान में किसे उतारें? इसको लेकर पार्टियों में मंथन शुरू हो गया है। लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे संग सियासी समर में उतरी कांग्रेस योगी के खिलाफ महिला या युवा चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी में है तो बसपा की तरफ से दावेदारी करने वाले उम्मीदवार ही योगी के नाम पर बैकफुट पर जाते नजर आ रहे हैं। योगी को टक्कर देने के लिए बसपा किसी पढ़े-लिखे शिक्षित युवा को मैदान में उतारने की कवायद में है। बसपा-कांग्रेस के विपरीत सपा चेहरा नहीं संगठन पर फोकस कर रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि योगी के खिलाफ प्रत्याशी कोई भी हो टक्कर कड़ी दी जाएगी।
संशय की स्थिति में कांग्रेस
अब तक अपने प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर चुकी पार्टियां अब पुनर्विचार में जुट गई हैं। कांग्रेस में शहर सीट से महिला को टिकट देने पर लगभग सहमति बन गई थी, लेकिन योगी के मैदान में आते ही अब नए समीकरण के तहत बाहर से दमदार प्रत्याशी लाने पर मंथन शुरू हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र और गोरखपुर में कांग्रेस से दो बार विधायक एवं एक बार मंत्री रहे सुनील शास्त्री के नाम पर भी अटकलें लगाई जा रही हैैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उम्र आड़े आ रही है। कुछ कांग्रेसी और पदाधिकारी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि प्रत्याशी तो स्थानीय ही होगा।
सपा नए सिरे से बना रही रणनीति
जो सपा प्रत्याशी के चयन में अब तक जातिगत समीकरण साध रही थी, वह योगी के मैदान में आते ही संगठन के बूते चुनाव जीतने की बात कहने लगी है। पार्टी ऐसा चेहरा तलाश रही है जो योगी को टक्कर देने के साथ यह संदेश भी दे सके कि पार्टी कहीं से भी वाकओवर देने को मूड में नहीं है। पार्टी भाजपा से भी किसी बड़े नाम को तोडऩे की तैयारी में है। एक पूर्व प्रत्याशी की पत्नी को योगी के मुकाबले खड़ा करने की भी चर्चा है। इसको लेकर अभी कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। जिलाध्यक्ष अवधेश यादव बताते हैं कि प्रत्याशी कोई भी हो, उसे टक्कर कड़ी दी जाएगी। बात बसपा की करें तो पांच सीटों पर पहले ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुकी पार्टी शहर सीट से ऐसे प्रत्याशी की तलाश कर रही है जो हर मानक पर खरा उतरे। युवा, योग्य और शिक्षित होने के साथ योगी के कद का हो। तीन दावेदार फिलहाल मैदान में हैं, जिसमें से पार्टी उसी का चुनाव करेगी, जो सभी मानकों को पूरा करता होगा।