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गोरखपुर शहर में फिर जमा होने लगा बारूद का ढेर, सघन आबादी वाले मोहल्ले सबसे संवेदनशील

सघन आबादी वाले मोहल्ले छोटे काजीपुर नखास चौराहे के पास रसूलपुर हुमायूंपुर उत्तरी राजघाट व तिवारीपुर थाना क्षेत्र का बाहरी इलाका सबसे संवेदनशील है। दीपावली को देखते हुए धंधेबाज अपना काम पूरी सतर्कता के साथ कर रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 08:02 AM (IST)
गोरखपुर शहर में फिर जमा होने लगा बारूद का ढेर, सघन आबादी वाले मोहल्ले सबसे संवेदनशील
शहर में पटाखा कारोबार का फाइल फोटो।

सतीश कुमार पांडेय, गोरखपुर। शहर के अंदर पटाखों की बिक्री पर रोक है। मुख्य बाजार में स्थायी और अन्य इलाकों में अस्थायी लाइसेंस धारक ही पटाखे बेच सकते हैं, लेकिन कोतवाली, राजघाट, गोरखनाथ और तिवारीपुर इलाके में बारूद के ढेर जमा होने लगे हैं। धंधेबाजों ने दुकानों व घरों में पटाखे जमा कर लिए हैं।

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सघन आबादी वाले मोहल्ले छोटे काजीपुर, नखास चौराहे के पास, रसूलपुर, हुमायूंपुर उत्तरी, राजघाट व तिवारीपुर थाना क्षेत्र का बाहरी इलाका सबसे संवेदनशील है। दीपावली को देखते हुए धंधेबाज अपना काम पूरी सतर्कता के साथ कर रहे हैं। पटाखों की आपूर्ति करने के लिए ग्राहकों को रात में बुलाया जा रहा है।

पटाखों से भरी मैजिक में आग लगने से मची थी भगदड़  

30 अक्टूबर को कोतवाली क्षेत्र के खूनीपुर स्थित एक पार्क में पटाखों से भरी मैजिक में धमाके के बाद आग लग गई। अचानक हुए धमाके से बाजार में भगदड़ मच गई थी। फायर ब्रिगेड की टीम ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पुलिस से बचने के लिए कारोबारी पटाखे को मैजिक में छिपाकर बेच रहे थे।

अब तक हुई यह कार्रवाई

24 अक्टूबर 2018 : सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाली के नखास में अवैध पटाखे का गोदाम सील किया। 13 अक्टूबर 2017 :  प्रशासन और पुलिस की टीम ने कोतवाली के छोटे काजीपुर में पटाखे का अवैध गोदाम पकड़ा।  21 अक्टूबर 2016 : क्राइम ब्रांच ने नखास चौक पर गोदाम से डेढ़ ट्रक पटाखे बरामद किए। 23 अक्टूबर 2016 : राजघाट पुलिस ने दो गोदामों पर छापा डालकर एक डीसीएम से अधिक पटाखे बरामद किए। 27 अक्टूबर 2016 : राजघाट के रायगंज दक्षिणी में छापा डाल पुलिस ने घर में छिपाकर रखा गया एक डीसीएम पटाखा बरामद किया।

पूर्व में हुए हादसे

वर्ष 1998 में रेती चौराहे के पास एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, तीन मरे। वर्ष 2006 में खजनी रोड पर एक फैक्ट्री में विस्फोट में चार लोगों की मौत, कई घायल। वर्ष 2006 में ही गोरखनाथ स्थित पटाखे की एक दुकान में विस्फोट, दुकानदार की बेटी की जान चली गई। 22 मई 2013 को चिलुआताल के मानीराम, सिक्टौर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से महिला की मौत, कई अन्य घायल।

दुकान लगाने के क्या हैं मानक

बिजली के तार के नीचे और ट्रांसफार्मर के आसपास दुकान न हो, दस दुकानों के समूह से इतनी ही दुकानों के दूसरे समूह के बीच 15 मीटर का फासला हो, खुले पटाखों को बेचने की अनुमति नहीं होगी। दुकान में पांच किलो क्षमता का अग्निशमन उपकरण रखना होगा। दुकान में बालू से भरी दो बाल्टियां, पानी भरे ड्रम के साथ ही दो बोरा अतिरिक्त बालू और बेल्चा भी रखना होगा। दुकान में लालटेन, मोमबत्ती, लैंप या किसी भी चिराग का प्रयोग प्रतिबंधित होगा। दुकान के अंदर वायङ्क्षरग लाइसेंसी लाइनमैनों से ही करानी होगी।

थानेदारों को कार्रवाई का दिया है निर्देश : एसएसपी

एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कहा कि शहरी क्षेत्र में पटाखों का गोदाम बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश थानेदारों को दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए स्थान पर ही पटाखे बिकेंगे। दिशा-निर्देश की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई होगी।

पटाखे से हुई घटना तो थानेदारों की खैर नहीं

पटाखे की वजह से क्षेत्र में कोई घटना होने पर थाना व चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने इसको लेकर अभी से सख्ती शुरू कर दी है। सीएफओ (मुख्य अग्निशमन अधिकारी) के नेतृत्व में उन्होंने एक टीम गठित की है जो पिछले 10 साल में हुई कार्रवाई और घटना का विवरण जुटा रही है। किन पर कार्रवाई हुई, कहां पर पटाखे के गोदाम पकड़े गए थे और इस बार क्या स्थिति है, इस हिसाब से टीम कार्रवाई करेगी।


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