Move to Jagran APP

बढ़ रहा नारियल, निहाल हो रहा विभाग, चार हजार पौधों को रोप चुके हैं जिले के किसान

पूर्वांचल को नारियल बेल्ट के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) बेलीपार छह माह के भीतर किसानों की मदद से जिले में चार हजार नारियल के पौधे रोप चुका है। इन पौधों का धीरे-धीरे विकास भी हो रहा है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 06:05 AM (IST)
बढ़ रहा नारियल, निहाल हो रहा विभाग, चार हजार पौधों को रोप चुके हैं जिले के किसान
बढ़ रहा नारियल, निहाल हो रहा विभाग। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल को नारियल बेल्ट के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) बेलीपार छह माह के भीतर किसानों की मदद से जिले में चार हजार नारियल के पौधे रोप चुका है। इन पौधों का धीरे-धीरे विकास भी हो रहा है। विभाग को अभी तक कहीं से भी पौधों के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। स्थिति ऐसी ही रही तो पांच साल बाद यह पौधे फल भी देन लगेंगे।

loksabha election banner

दो हजार किसानों ने लगाए नारियल के पौधे

जिले के करीब दो हजार किसानों में केवीके ने चार हजार नारियल के पौधे वितरित किया था। सभी पौधे लग चुके हैं। नारियल के पौधे अन्य पौधों की तुलना में थोड़ा धीमी गति से बढ़ते हैं, ऐसे में अभी प्रगति धीमी हैं। केवीके के वैज्ञानिक उत्साहित हैं कि उनकी मेहनत रंग लाई तो आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र नारियल बेल्ट के रूप में मशहूर होगा। इसके लिए केवीके बेलीपार की नर्सरी में नारियल के अन्य पौधे भी तैयार किये जा रहे हैं।

कृषि‍ विश्‍वविद्यालय की मदद से तैयार किए जा रहे पौधे

नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या की मदद से केवीके बेलीपार में तैयार किए गए एक हजार नारियल के पौधे प्रदेश के 24 कृषि विज्ञान केंद्रों में बांटे जा चुके हैं। ताकि वहां भी नर्सरी तैयार करके किसानों में पौधों का वितरित किए जाएं।

कृषि मंत्री ने नारियल की नर्सरी तैयार करने का दिया था निर्देश

बता दें वर्ष 2019 मार्च में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह गोरखपुर व आसपास के जिलों में नारियल उत्पादन की संभावना को देखते हुए केवीके बेलीपार को नारियल की नर्सरी तैयार करने के लिए निर्देशित किया था। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके प्रति गंभीर हुए और कोकोनट विकास बोर्ड पटना के माध्यम से बेलीपार में नारियल की नर्सरी डाली गई।

ऐसे तैयार करें गड्ढा

पौधा लगाते समय एक पौधे के लिए एक घन मीटर का गड्ढा खोदकर उसमें गोबर की सड़ी खाद व कीटनाशी मिट्टी में मिलाना जरूरी है । साथ ही जब पौधा रोपण करें तो उसके चारो तरफ करीब एक किलो नमक गड्ढे में डाला जाए। उसके बाद पानी डाला।

सिंचाई के लिए चाहिए खारा पानी

नारियल के पेड़ आमतौर पर समुद्र के तटीय क्षेत्रों में बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं। नारियल के वृक्षों लिए खारा(नमकीन) पानी की जरूरत होती है। यहां मिट्टी नारियल के लिए अनुकूल है। 35 से 45 डिग्री तापमान नारियल के पौधों के विकास के लिए उपयुक्त है। ऐसे में ङ्क्षसचाई के लिए पानी में नमक डालना चाहिए। इसके लिए आद्र्रता अधिक होनी चाहिए। तराई के इस बेल्ट में आद्र्रता अधिक रहती है।

नारियल के लिए अनुकूल है पूर्वांचल की मिट्टी

केवीके बेलीपार के अध्‍यक्ष डा. एसके तोमर बताते हैं कि यह क्षेत्र नारियल की खेती के लिए उपयुक्त है। मिट्टी जलवायु अनुकूल है। चार हजार पौधे जिले में रोपे जा चुके हैं। नर्सरी में अभी और पौधे तैयार किये जा रहे हैं। बाद में उसे किसानों में वितरित किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.