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जल्‍द अमीर बनने की लालच में इंटर का छात्र बन गया सरगना, जानें-क्‍या था धंधा Gorakhpur News

अचानक एक माह पहले उसके मन में रातों रात अमीर बनने ख्याल आया। फिर वह अपने लैपटाप स्कैनर व प्रिंटर का प्रयोग कर नोट बनाने में जुट गया। हजारों रुपये के जाली नोट तैयार किया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 06:00 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:51 AM (IST)
जल्‍द अमीर बनने की लालच में इंटर का छात्र बन गया सरगना, जानें-क्‍या था धंधा Gorakhpur News
जल्‍द अमीर बनने की लालच में इंटर का छात्र बन गया सरगना, जानें-क्‍या था धंधा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रातोरात अमीर बनने की चाहत ने इंटर के एक छात्र को जाली नोट का सरगना बना दिया। देवरिया जिले के रुद्रपुर कोतवाली के महराजगंज चौराहे पर दूसरे के नाम से धर्मेंद्र जनसेवा केंद्र कई साल से चलाता है। अचानक एक माह पहले उसके मन में रातों रात अमीर बनने ख्याल आया। फिर वह  अपने लैपटाप, स्कैनर व प्रिंटर का प्रयोग कर नोट बनाने में जुट गया। नकली नोट तैयार करने के लिए फोटोशाप का प्रयोग किया और चंद दिनों में हजारों रुपये जाली नोट तैयार कर लिया।

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पिता भी अवैध कारोबार में शामिल हुआ

यह बात जब उसके पिता राजाराम को पता लगी तो वह अपने दूसरे बेटे को भी उसमें शामिल कर लिया। इसके बाद तीनों मिलकर उस सिस्टम को घर ले आए तथा जाली नोट तैयार करने लगे। राजाराम गल्ले का व्यवसाय बंद कर जाली नोट खपाने लगा। पुलिस के हाथ धर्मेंद्र के चढ़ते ही राजाराम व शशिकपूर घर छोड़कर फरार हो गए।

इसलिए छोटे नोट की करते थे छपाई

धर्मेंद्र कंप्यूटर सीखने के बाद सुदामा चौराहा पर तीन से चार महीने तक बच्‍चों को कंप्यूटर पढ़ाया। इसके बाद वह दुकान खोल लिया। कंप्यूटर शिक्षक होने के चलते उसे फोटोशाप की बेहतर जानकारी रही है। इसलिए वह जाली नोट बनाने में जुट गया। धर्मेंद्र का कहना है कि 50 व 100 की नोट की छपाई इसलिए वह करता था कि किसी भी दुकानदार को छोटी नोट देने पर वह ज्यादा देखते नहीं हैं। बड़े नोट की लोग ज्यादा निगरानी करते हैं।  इसलिए वह छोटे नोट ही छापते थे।

धर्मेंद्र को थी 60 हजार रुपये की आवश्यकता

सरगना धर्मेंद्र का कहना है कि वह इसी वर्ष बोर्ड की परीक्षा में इंटर में फेल हो गया। वह और पढऩा चाहता था। घर से रुपये नहीं मिल रहे थे। उसे इस महीने में 60 हजार रुपये की आवश्यकता था। इसलिए अभी वह 51 हजार रुपये की ही छपाई किया था। अगर इस बार पकड़ा नहीं जाता तो आगे भी नोट की छपाई करता।


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