राजघाट में एक साथ जली दादी-पोते की चिता, हर आंख हुई नम Gorakhpur News
गोरखपुर में भाजपा नेता परशुराम शुक्ला की मां विमला शुक्ला व पुत्र रौनक उर्फ मारकंडेय की चिता राजघाट पर एक साथ जली। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह सहित भाजपा के तमाम पदाधिकारी व पुलिस कर्मी भी मौजूद रह
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। हरपुर बुदहट के तेनुवा निवासी परशुराम शुक्ला की मां विमला शुक्ला व पुत्र रौनक उर्फ मारकंडेय की चिता एक साथ जली। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह सहित भाजपा के तमाम पदाधिकारी व पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे।
यह है मामला
बीते 27 जुलाई को तेनुवा के सीताराम शुक्ला ने अपने स्वजन के साथ मिलकर फावड़े से विमला व रौनक की हत्या कर दी थी। हमले में परशुराम की पत्नी व बेटी घायल हो गई थी। घटना के समय परशुराम पंजाब गए हुए थे। गुरुवार को वह पंजाब से लौटे हैं। परशुराम की पत्नी का इलाज मेडिकल कालेज में चल रहा था। उन्होंने मेडिकल कालेज से पत्नी को डिस्चार्ज कराया और जिला अस्पताल के मर्चरी हाउस से मां व बेटे का शव लेकर राजघाट में अंतिम संस्कार किया।
मौके पर पहुंचे भाजपा नेता
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, सबल सिंह, लालजी यादव व हरपुर बुदहट थाने से प्रभारी निरीक्षक उदयशंकर कुशवाहा, चौकी प्रभारी डा.आशीष तिवारी सहित रिश्तेदार व पुलिसकर्मी मौजूद रहे। हत्या में शामिल चोरों आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया।
बेटे का शव देखते ही अचेत हो गईं सुषमा
सुषमा को घर पर ही अपने इकलौते बेटे रौनक के हत्या की जानकारी मिल गई थी, लेकिन हमले में वह खुद घायल हो गई थीं। इसलिए बेटे का शव देख नहीं सकी थीं। मेडिकल कालेज में रो-रोकर उनका बुरा हाल था। मेडिकल कालेज से डिस्चार्ज होकर जब वह अपने बेटे के शव के पास पहुंची तो उसे देखते ही वह अचेत हो गईं। उनकी इकलौती बेटी रिमझिम भी घायल है। भाई व दादी की मौत से उसका भी रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग परशुराम के स्वजन को ढांढस बंधाने में जुटे हैं।
बारिश का पानी बहने पर पड़ोसियों ने पिता-पुत्री को पीटा
उधर, दीवार पर पड़ोसी के छत का पानी गिरने को लेकर गुरुवार शाम बेलीपार के चेरिया गांव में मनबढ़ों ने देवीदीन यादव व उनकी पुत्री रंजू को बेरहमी से पीटा। दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां उनकी स्थिति गंभीर बतायी जा रही है। देवीदीन के छत का पानी कैलाश की दीवार पर गिर रहा था। इसे लेकर कैलाश व उसके पुत्र शैलेश, बृजेश, इंद्रेश ने देवीदीन को गालियां दी। उसने प्रतिवाद किया तो पड़ोसियों ने लाठी-डंडे से देवीदीन की पिटाई शुरू कर दी। देवीदीन की पुत्री रंजू पिता को बचाने गई तो हमलावरों ने उसकी भी पिटाई कर दी।