बनती- बदलती रही सरकारें, मगर पूरा नहीं हुआ सीएचसी भवन
संतकबीर नगर में स्वास्थ्य सड़क बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के दावों के बीच प्रदेश में सरकार बनती और बदलती रही। इन सबके बीच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शिवबखरी के भवन का निर्माण कार्य अधूरा रहा। अधिकारियों जन प्रतिनिधियों की उदासीनता से जनता के अरमानों पर पानी फिर रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संतकबीर नगर में स्वास्थ्य, सड़क, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के दावों के बीच प्रदेश में सरकार बनती और बदलती रही। इन सबके बीच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शिवबखरी के भवन का निर्माण कार्य अधूरा रहा। अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों की उदासीनता से जनता के अरमानों पर पानी फिरता नजर आया है। स्वास्थ्य सुविधाओं पर बरती जा रही लापरवाही से लोग शासन-प्रशासन के प्रति नाराज भी हैं।
वित्तीय वर्ष 2012-13 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
सपा शासन काल में धनघटा तहसील क्षेत्र के शिवबखरी गांव में वित्तीय सत्र 2012-13 में लगभग तीन करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सीएचसी)भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। उस समय क्षेत्र की जनता में उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं गांव के निकट ही मिलने लगेगी। वर्ष 2017 में सपा की जगह भाजपा की प्रदेश में सरकार बन गई। इसी वर्ष इस सीएचसी का निर्माण कार्य भी बंद कर दिया गया।
अभी तक पूरा नहीं हुआ भवन का निर्माण
क्षेत्र के राम इकबाल, मुन्ना यादव, सतीश कुमार, संजय सिंह आदि लोगों का कहना है कि यदि इस सीएचसी भवन का निर्माण कार्य जल्द पूरा करके स्टाफ की तैनाती कर दी जाए तो इस पिछड़े क्षेत्र की जनता को काफी राहत मिलेगी। यह सीएचसी कब बनकर तैयार होगा ? यहां पर डाक्टर, नर्स सहित अन्य स्टाफ की कब तैनाती होगी ? इसके बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता। सीएचसी के अधीक्षक यासीर खान ने बताया कि उन्हें यह पता नहीं है कि किस वजह से यह सीएचसी भवन अधूरा है। वह इस भवन को जल्द पूर्ण कराने के लिए उचित पहल अवश्य करेंगे।
पशुपालन में भी तकनीक का प्रयोग कर पा सकते हैं अधिक लाभ
पशु चिकत्साधिकारी डा. अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि पशुपालन में तकनीक का प्रयोग करने से अधिक लाभ मिल सकता है। पशुओं की देखरेख करने के बारे में उन्होंने जानकारी दी। दो जनवरी को सेमरियावां विकास खंड के ग्राम सियाकटाई में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में आए डा. अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि मौसम के अनुसार पशुओं को अनेक बीमारियों से बचाव के टीके लगवाने चाहिए। इसके साथ ही संतुलित आहार दिया जाना चाहिए। देसी नस्ल के पशुओं से भी कृत्रिम गर्भाधान प्रकिया से उन्नत नस्ल के गाय और बछड़े पैदा किए जा सकते हैं। डा. अखिलेश कुमार यादव ने मुर्गी पालन के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर डा. आशीष सिंह,पशुधन प्रसार अधिकारी विनय कुमार मिश्र, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,राकेश सिंह,गंगाराम के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।