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Mustard Oil Price: सरसों तेल के बढ़ते मूल्‍य पर अलर्ट हुई सरकार, अब हर सप्ताह होगी कीमतों की समीक्षा

Mustard oil Price बढ़ती कीमतों के बीच कालाबाजारी की आशंका को देखते हुए आयुक्त खाद्य एवं रसद ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है। अब स्टाक होल्डर्स को तेल व तिलहन के स्टाक की सरकारी पोर्टल पर घोषणा करनी होगी। पोर्टल के जरिए ही सरकारी एजेंसिया निगरानी करेंगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:46 AM (IST)
Mustard Oil Price: सरसों तेल के बढ़ते मूल्‍य पर अलर्ट हुई सरकार, अब हर सप्ताह होगी कीमतों की समीक्षा
सरसों तेल के बढ़ते मूल्‍य को लेकर सरकार अलर्ट हो गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, काश‍िफ अली। Mustard oil Price: दालों के बाद तेल व तिलहन की कीमतों पर नजर रखने के लिए सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। कालाबाजारी को रोकने के लिए नया आदेश जारी किया गया है। स्टाक होल्डर को अब तेल व तिलहन के स्टाक की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। सरकारी एजेंसियां हर सप्ताह तेल व तिलहन की कीमतों की समीक्षा भी करेंगी।

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तेल की बढ़ती कीमतों के बीच बढ़ी कालाबाजारी की आशंका

बढ़ती कीमतों के बीच कालाबाजारी की आशंका को देखते हुए आयुक्त खाद्य एवं रसद ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है। अब स्टाक होल्डर्स को तेल व तिलहन के स्टाक की सरकारी पोर्टल पर घोषणा करनी होगी। पोर्टल के जरिए ही सरकारी एजेंसिया निगरानी करेंगी। स्टाक होल्डर्स में मिल मालिक, रिफाइनरी, थोक व फुटकार व्यापारी को शामिल किया गया है। जिलाधिकारी व संभागीय खाद्य नियंत्रक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वे खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मंडी परिषद, जीएसटी व उद्योग विभाग से स्टाक होल्डर्स की सूची लेकर उन्हें स्टाक घोषित करने की जानकारी दें और केंद्र सरकार से लिंक मिलने के बाद पंजीकरण भी कराएं। पोर्टल पर स्टाक होल्डर द्वारा घोषित स्टाक की निगरानी की जाएगी। इससे स्टाक व बिक्री की जानकारी मिलती रहेगी।

पोर्टल पर स्टाक होल्डर्स को बताना होगा तिलहन-तेल का स्टाक

फिलहाल फुटकर बाजार में रिफाइंड 175, पाम आयल 135 तथा सरसों का तेल 195 रुपये लीटर बिक रहा है। सरकार ने तीन माह पहले दाल की कालाबाजारी रोकने के ल‍िए स्टाक जांचने का निर्देश दिया था। इसके बाद अरहर, चना समेत सभी तरह की दालों में पांच से 15 रुपये तक की गि‍रावट आइ थी। दूसरी तरफ सरकार के इस निर्णय पर तेल व्यापारियों ने नाराजगी जताई है। चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया ने कहा कि इससे व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा। कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी होगी जिससे खर्च भी बढ़ेगा। कोरोना के चलते मंदी से जूझ रहे व्यापारियों के लिए यह उचित नहीं है।

पांच रुपये तक सस्ता हो सकता है तेल

केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों पर लगने वाला आयात शुल्क घटा दिया है। इसका असर बाजार में अगले सप्ताह से दिखाई देगा। थोक कारोबारियों के मुताबिक आयात शुल्क कम होने से रिफाइंड, सोया और पाम आयल की कीमतों में प्रतिलीटर पांच रुपये तक की कमी आ सकती है।


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