संत कबीरनगर के ट्रकों से हो रही गोवंश की तस्करी
गोवंश की तस्करी के लिए संत कबीरनगर की ट्रकों का इस्तेमाल हो रहा है।
संत कबीरनगर, जेएनएन : गोवंश की तस्करी के लिए संत कबीरनगर की ट्रकों का इस्तेमाल हो रहा है। पिछले एक पखवारे में यहां की सात ट्रक कुशीनगर जिले में पकड़े जा चुके हैं। इन सभी वाहनों को खलीलाबाद का एक ट्रांसपोर्टर मुहैया कराया है। जांच में मामला उजागर होने के बाद यहां की पुलिस भी सक्रिय हो गई है। गोतस्करों के गैंग के साथ ट्रक मालिकों की कुंडली खंगाली जा रही है।
जिले का दुधारा और बखिरा थाना गोतस्करी के लिए बदनाम है। यहां से बड़ी संख्या में गोवंशीय बाहर भेजे जाते हैं। आए दिन क्षेत्रों में गोमांस बरामद होता है। वर्तमान में बस्ती और गोरखपुर मंडल से गोतस्करी के काम के लिए संत कबीरगनर के केआरएल ट्रांसपोर्ट की ट्रकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। गाय और बछड़ों को तस्कर फोरलेन के रास्ते बिहार और पश्चिम बंगाल भेज रहे हैं। वर्तमान में इन राज्यों में पशुओं की अच्छी कीमत मिलने से तस्करी तेज है। पुलिस की मानें तो एक ट्रक गोवंश बिहार और पश्चिम बंगाल भेजने के लिए एक लाख 70 हजार से लेकर दो लाख रुपए तक किराया मिलता है। बीते गुरुवार को कुशीनगर जिले के तरयासुजान थाने पर छह ट्रकों पर 223 गोवंशीय पकड़े गए थे। इसमें 21 की मौत हो गई थी। पुलिस ने 11 तस्करों को गिरफ्तार किया था। उसके अगले दिन ही गोवंश से लदे एक ट्रक को वहां की पुलिस ने रोका तो वह भागने में सफल रहा, लेकिन बिहार राज्य के गोपालगंज में पकड़ा गया। इस ट्रक पर 28 बैल लदे थे। बीते मंगलवार की रात भी कुशीनगर की पुलिस ने एक ट्रक पकड़ा जिस पर 32 पशु लदे थे। इन सारी ट्रकों पर केआरएल ट्रांसपोर्ट के साथ संत कबीरनगर लिखा था। गोतस्करी के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। जिले में गोतस्करी पूरी तरह से बंद है। कुशीनगर में पकड़े गए ट्रकों के बारे में जानकारी साझा की जाएगी। गोतस्करों की सूचना पर पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है। इस बीच कुछ तस्करों को जेल भेजा गया है। तस्कर गैंग और ट्रक मालिकों के मिलीभगत की छानबीन की जा रही है।
ब्रजेश सिंह, पुलिस अधीक्षक