बालिग होने तक बेसहारा बच्चों की होगी मदद, अभी चल रही तलाश Gorakhpur News
व्यवसायी खुद भी ऐसे बच्चों की तलाश में जुटे हैं। साथ ही प्रशासन की ओर से बनाई जा रही सूची को भी हासिल कर बच्चों से संपर्क करेंगे। यह नेक काम जून से शुरू हो जाएगा। हरमाह एक हजार रुपये देने की योजना है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से माता-पिता को खोने वाले बच्चों का सहारा अब कपड़ा व्यापारी भी बनेंगे। थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी ने बेसहारा हुए बच्चों को हर महीने एक हजार रुपये नकद देने की घोषणा की है। साथ ही बच्चों की अन्य जरूरतों का भी ख्याल रखेंगे। कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की जानकारी के लिए संगठन ने वाट्सएप नंबर जारी किया है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मिली मदद की प्रेरणा
कोरोना संक्रमण से जिल में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है। कई ऐसे परिवार हैं जिनमें माता-पिता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई और बच्चों की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। ऐसी स्थिति में बच्चों का भविष्य अंधकारमय न हो इसके लिए कपड़ा व्यवसायियों ने पहल की है। व्यवसायी खुद भी ऐसे बच्चों की तलाश में जुटे हैं। साथ ही प्रशासन की ओर से बनाई जा रही सूची को भी हासिल कर बच्चों से संपर्क करेंगे। यह नेक काम जून से शुरू हो जाएगा। सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश नेभानी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसहारा हुए बच्चों का खुद अभिभावक बन उनके उज्जवल भविष्य की बुनियाद तैयार कर रहे हैं। इनकी प्रेरणा से थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी ने बेसहारा बच्चों की मदद का निर्णय लिया है। बच्चों के बालिग होने तक मदद दी जाएगी। बच्चों के संपर्क में रहकर उनकी अन्य जरूरतों को भी पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा।
अनाथ बच्चों की मदद के लिए इन नंबरों पर करें संपर्क
थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी के संरक्षक शिव कुमार अग्रवाल 9984754322, थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी महामंत्री संजय अग्रवाल 6390215737 और थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी उपाध्यक्ष मनीष सर्राफ 9415244695 पर संपर्क कर सकते हैं।
सेवा कार्यों में जुटे हैं व्यापारी
थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारी और सदस्य सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं। कुछ दिनों पहले ही व्यवसयियों ने शहर के पुलिसकर्मियों में मास्क, सैनिटाइजर का भी वितरण किया था। कोरोना की पहली लहर में व्यवसायियों ने सैकड़ों जरूरतमंदों को राशन सामग्री दी थी। इसकी अफसरों ने भी सराहना की थी।