गोरखपुर के डा. नवनीत ने अपने देश में ही बेहतर शोध करने की जताई इच्छा, इजराइल में बना रहे माइक्रोस्पकोप
नवनीत ने बताया कि उन्होंने स्नातक और परास्नातक की डिग्री दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से हासिल की है। 2010 में विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में परास्नातक की डिग्री लेकर वह जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमटेक करने चले गए। अब इजराइल में हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। वर्तमान में डा. नवनीत भले ही शोध के सिलसिले में इजराइल में हैं लेकिन उनकी इच्छा देश में ही बेहतर से बेहतर शोध करने की है। पुरस्कार की घोषणा के बाद जागरण से बातचीत में नवनीत ने बताया कि अपनी वैज्ञानिक क्षमता से देश के लोगों की सेवा करने के लिए वह भारत जरूर लौटेंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल वह इजराइल में प्रो. अमित मिलर के साथ मिलकर बायो मेडिकल के क्षेत्र में शोधकार्य कर रहे हैं। वह ऐसा माइक्रोस्कोप बनाने में जुटे हैं, जिससे किसी रोग की जानकारी जल्द से जल्द की जा सके। देश से बाहर जाकर शोध करने की वजह के सवाल पर डा. नवनीत ने कहा कि अपने देश में सीमित संसाधनों में शोध करना होता है जबकि विदेश में इसकी चिंता नहीं होती। इजराइल में शोध के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। खर्च की चिंता भी नहीं की जाती।
गोरखपुर विवि से ली है स्नातक व परास्नातक की डिग्री
दुग्ध विकास विभाग से रिटायर पिता सुरेंद्र नाथ वर्मा के पुत्र नवनीत ने बताया कि उन्होंने स्नातक और परास्नातक की डिग्री दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से हासिल की है। 2010 में विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में परास्नातक की डिग्री लेकर वह जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमटेक करने चले गए। इसी क्रम में वह पहले शोध के लिए आइआइटी मंडी पहुंचे और अब इजराइल में हैं।
मिलेगा इन्यास राष्ट्रीय पुरस्कार
डा. नवनीत चंद्र वर्मा इन्यास राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित किए गए हैं। उन्हें इस पुरस्कार के लिए भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी के लिए चुना गया है। आइआइटी मंडी से 2020 में शोधकार्य पूरा कर चुके डा. नवनीत चंद्र वर्मा को यह सम्मान कार्बोनेजेनिक नैनोपार्टिकल की रसायनिक संरचना, कार्य संबंध व सुपर रिजोल्यूशन लाइट माइक्रोस्कोपी में इनके उपयोग की बुनियादी समझ में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। उन्होंने शोध के दौरान भारत में पहली बार कार्बन नैनो पार्टिंकल से सुपर रिजोल्यूशन माइक्रोस्कोप बनाया था।
क्या है इन्यास
भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी (इन्यास) का गठन दिसंबर 2014 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ने किया था। यह भारत की पहली मान्यता प्राप्त युवा विज्ञानी अकादमी है। इसका उद्देश्य विज्ञान शिक्षा, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवा विज्ञानी को बढ़ावा देना है। इन्यास नई पीढ़ी के विज्ञानियों के बीच विज्ञान के विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान, विमर्श शुरू, सहयोग करने का प्लेटफार्म है।