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Gorakhpur Weather update: सुबह कोहरे की चादर तो दिन में चटक धूप, जानें- आगे कैसा रहेगा मौसम

गोरखपुर में रविवार को सुबह कोहरा और दिन में 34.2 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान रहा। न्‍यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विशेषज्ञ ने रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 34 व न्‍यूनतम 25.7 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने की संभावना जताई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 10:42 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 11:29 AM (IST)
Gorakhpur Weather update:  सुबह कोहरे की चादर तो दिन में चटक धूप, जानें- आगे कैसा रहेगा मौसम
गोरखपुर में सुबह कोहरा तो दोपहर तक कड़ी धूप हो रही है। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। रविवार सुबह हर तरफ धुंध छाई रही। स्थिति यह रही कि लोगों को सुबह के समय पंखा बंद करना पड़ा। लेकिन सुबह आठ बजते बजते मजे की धूप निकल गई। शनिवार का भी मौसम कुछ इसी तरह रहा। सुबह कोहरा और दिन में 34.2 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान रहा। न्‍यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विशेषज्ञ ने रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 34डिग्री सेल्सियस व न्‍यूनतम 25.7 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का आसार जताया है। 

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इस बार पहले शुरू होगी ठंड

मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय ने बताया है कि मानसून देर तक रहने के कारण इस बार ठंड की शुरुआत थोड़ा पहले हो जाएगी। गोरखपुर क्षेत्र से अभी मानसून की विदाई नहीं हो सकी है। आमतौर पर यह करीब 10 दिन पूर्व इस क्षेत्र से विदा हो जाता है। उन्‍होंने कहा कि अभी फैजाबाद क्षेत्र से मानसून 2020 की विदाई हुई है। दो दिन बाद में गोरखपुर क्षेत्र से भी मौसम की विदाई हो जाएगी।

औसत से अधिक है रात का तापमान

मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्‍डेय ने बताया कि 20 वर्षों में यह पहली बार है कि रात का तापमान अपने औसत से अधिक है। इससे लोग रात में भी गर्मी महसूस कर रहे हैं। 

साफ रहेगा आसमान

रविवार को आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। हवाएं 5-13 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चल सकती हैं। 

पिछले सात दिनों का तापमान (डिग्री सेल्सियस में)

रविवार         32.4

सोमवार         34.6

मंगलवार        35

बुधवार          34

गुरुवार         35.4

शुक्रवार        34.2

शनिवार        34.1

अधिक समय तक बरकरार रहेगी ठंड 

इस बार ठंड की शुरुआत पहले होगी और अधिक समय तक ठंड रहेगी। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय का कहना है कि इस बार बारिश अधिक होने के कारण वातावरण में करीब 70 फीसद ला-नीना कंडीशन है। ला-नीना एक प्रतिसागरीय धारा है। इसकी शुरुआत पश्चिमी प्रशांत महासागर में उस समय होता है, जबकि पूर्वी प्रशांत महासागर में एल नीनो का प्रभाव समाप्त हो जाता है। ला-नीना एल नीनो से ठीक विपरीत प्रभाव रखती है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में एल नीनो द्वारा पैदा किए गये सूखे की स्थिति को ला नीना बदल देती है।


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