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जानें, गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने क्‍यों कहा, बसंत पंचमी को त्याग दूंगा शरीर

Gorakhpur University गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कमलेश गुप्‍ता ने चेतावनी दी है क‍ि यद‍ि कुुुुलपत‍ि प्रो. राजेश स‍िंह को हटाया नहीं गया तो वे बसंत पंचमी के द‍िन अपना शरीर त्‍याग देंगे। प्रो गुप्‍ता कई द‍िनों से कुलपत‍ि के ख‍िलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 03:19 PM (IST)
जानें, गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने क्‍यों कहा, बसंत पंचमी को त्याग दूंगा शरीर
गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने अपना शरीर त्‍यागने की चेतावनी दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर। जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश स‍िंह को पद से हटाने और उनके कार्यकाल में हुए आय-व्यय की जांच कराने मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्ता ने अपना सत्याग्रह रविवार को स्थगित कर दिया। साथ ही उन्होंने यह चेतावनी दी है कि पांच फरवरी तक कुलपति को पद से हटाया नहीं गया तो वह अपना शरीर त्याग देंगे।

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फेसबुक पर जारी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि उन्हें सत्याग्रह करते एक महीने से ज्यादा का समय पूरा हो चुका है। बसंत पंचमी यानी पांच फरवरी के पहले प्रो. राजेश ङ्क्षसह को उनके पद से नहीं हटाया जाता है, तो वह बसंत पंचमी को दोपहर ढाई बजे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर में पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के सक्षम यौगिक प्रक्रिया से अपना शरीर त्याग देंगे। सत्याग्रह तब तक के लिए स्थगित रहेगा।

उन्होंने यह भी लिखा है कि जो भी शिकायत उनके द्वारा कुलपति के विरुद्ध की गई है, वह शपथ पत्र व साक्ष्य के साथ है। यदि वह गलत हों, तो उसकी सजा उन्हें मिले वरना कुलपति को सजा मिलनी चाहिए। प्रो. कमलेश ने कुलाधिपति सचिवालय पर प्रो. राजेश को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया है। 

यह है पूरा मामला

डीडीयू के हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश गुप्त ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए राजभवन से शिकायत की थी। राजभवन सचिवालय से कुलपति के शिकायत की जांच कुलपति को ही सौंप दी गई। इसके विरोध में 21 दिसम्बर को उन्होंने सत्याग्रह शुरू कर दिया था। सत्याग्रह के पहले दिन ही विवि प्रशासन ने उन्हें अलग-अलग आरोपों में निलंबित कर दिया था। उसी दिन प्रो. कमलेश के समर्थन में पहुंचे 7 प्रोफेसरों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 25 दिसम्बर को कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी गोरखपुर आए थे। यहां से रिपोर्ट तैयार कर राजभवन ले गए थे। शीतावकाश में प्रो. कमलेश ने दूसरे चरण का सत्याग्रह 26 दिसम्बर से शहर में शुरू की थी। 14 जनवरी से वे डीडीयू में तीसरे चरण का सत्याग्रह कर रहे थे।

शिकायतें गलत मिले सजा भुगतने को तैयार

प्रो. कमलेश ने कहा क‍ि अगर मेरी शिकायतें गलत हों, तो मुझे सजा मिलनी चाहिए और शिकायतें सही हो, तो प्रोफेसर राजेश सिंह को सजा मिलनी चाहिए। मेरे सत्याग्रह करते एक माह का समय बीत चुका है। प्रो. राजेश सिंह के विरूद्ध अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। प्रो. कमलेश ने लिखा है, विश्वविद्यालय को बचाने की कामना करने वाले सभी जन से, विशेषकर युवा मित्रों और अपने प्रिय शिष्यों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। व्यक्ति, समूह, संगठन और संस्था के रूप में आप द्वारा मिले समर्थन, सहयोग और सुझावों के लिए मैं आभारी हूं।


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