DDU: गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब एक शिक्षक को वर्ष में मिलेंगे अधिकतम दो शोधार्थी Gorakhpur News
अभी तक विश्वविद्यालय में एक शिक्षक के अंदर आठ-आठ शोधार्थियों या चार से अधिक शोधार्थियों को भी प्रवेश दिया गया है। इसकी समीक्षा विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से की जाएगी। जिस शिक्षक के पास अधिक संख्या में शोधार्थी होंगे उन्हें दूसरे शिक्षकों के पास स्थानांतरित किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब एक शिक्षक को वर्ष भर में दो शोधार्थी ही निर्देशन के लिए मिलेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के मकसद से यूजीसी की गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करने का निर्णय लिया है। कुलपति राजेश सिंह का कहना है कि अभी तक विश्वविद्यालय में एक शिक्षक के अंदर आठ-आठ शोधार्थियों या चार से अधिक शोधार्थियों को भी प्रवेश दिया गया है। इसकी समीक्षा विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से की जाएगी। जिस शिक्षक के पास अधिक संख्या में शोधार्थी होंगे, उन्हें दूसरे शिक्षकों के पास स्थानांतरित किया जाएगा।
रेट में एक सीट पर था 20 अभ्यर्थियों में मुकाबला
विश्वविद्यालय मीडिया सेल से मिली जानकारी के मुताबिक पिछली 2018-19 की शोध पात्रता परीक्षा की तुलना में इस बार की परीक्षा में अभ्यर्थियों के बीच कठिन प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। पिछली परीक्षा में पीएचडी में एक सीट के लिए जहां सिर्फ 3.6 अभ्यर्थी प्रतिस्पर्धा कर रहे थे वहीं 2020-21 की रेट परीक्षा में एक सीट के लिये 20 अभ्यर्थियों के बीच कड़ा मुकाबला था। वर्ष 2018-19 की परीक्षाओं के दौरान 1098 सीटों के लिए 4000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। वर्ष 2019- 20 में 215 सीट के लिए 4343 अभ्यर्थियों में प्रतिस्पर्धा हुई। रेट 2020-21 के लिए 84 जेआरएफ ने भी आवेदन किया था। 41 जेआरएफ ने साक्षात्कार में सफलता हासिल की हैै।
शिक्षकों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को कराएंगे अवगत
मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ की बैठक नगर निगम में हुई, जिसमें शिक्षकों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराने का निर्णय लिया गया। जिलाध्यक्ष मोहम्मद आजम ने कहा कि प्रदेश के हजारों शिक्षकों को समय से मानदेय नहीं मिल रहा है। इस कारण शिक्षकों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। संचालन फैजान सरवर ने किया। बैठक में बदरे आलम, आसिफ, अब्दुल सलाम आदि मौजूद रहे।