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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय खोलने जा रहा है अपने दो महाविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के 13 राज्य विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में दो-दो संघटक महाविद्यालय खोले जाने का निर्णय शासन ने लिया है। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए आधारभूत संरचना के तौर पर शासन नवनिर्मित व निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालय विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपने जा रहा है।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:12 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय खोलने जा रहा है अपने दो महाविद्यालय
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। बहुत जल्द दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की सूची में दो ऐसे महाविद्यालय जुडऩे जा रहे हैं, जिसका प्रबंधन और संचालन वह खुद करेगा। महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय के संघटन महाविद्यालय का दर्जा प्राप्त होगा। यह महाविद्यालय कुशीनगर और देवरिया में खोले जाएंगे। कुशीनगर के रामकोला बरडीहा में बने राजकीय महाविद्यालय को संगठक महाविद्यालय के रूप में तब्दील करने का निर्णय लिया जा चुका है। देवरिया में भी जल्द एक राजकीय महाविद्यालय इस बाबत चुन लिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे लेकर कार्ययोजना तैयार करनी शुरू कर दी है।

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लखनऊ विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के 13 राज्य विश्वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में दो-दो संघटक महाविद्यालय खोले जाने का निर्णय शासन ने लिया है। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए आधारभूत संरचना के तौर पर शासन नवनिर्मित व निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालय विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपने जा रहा है। दिशा-निर्देश के मुताबिक यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय की परियमावली के मुताबिक संचालित किए जाएंगे। महाविद्यालय का संपूर्ण प्रशासकीय, वित्तीय और शैक्षणिक नियंत्रण विश्वविद्यालय के हाथ में होगा। महाविद्यालय के पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के परिनियमों के अंतर्गत संचालित होंगे। परीक्षा से लेकर डिग्री देने तक की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय ही करेगा। शासन के निर्देश के मुताबिक विश्वविद्यालयों को संगठक महाविद्यालयों के लिए पाठ्यक्रमों का चयन बाजार की मांग के मुताबिक करना होगा, जिससे वहां से अध्ययन करके निकलने वाले विद्यार्थियों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े।

स्व-वित्तपोषित होंगे सभी पाठ्यक्रम

संघटक महाविद्यालय में चलाए जाने वाले सभी पाठ्यक्रम स्व-वित्तपोषित योजना के तहत संचालित होंगे। संघटक महाविद्यालयों में नियुक्त होने वाले सभी शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं होंगे। उनका वित्त-पोषण स्व-वित्तपोषित व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ही किया जाएगा।

कुशीनगर में विज्ञान तो देवरिया में कला संकाय से जुड़े पाठ्यक्रम होंगे संचालित

संघटक महाविद्यालय को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई प्राथमिक कार्ययोजना के तहत कुशीनगर के महाविद्यालय में विज्ञान से जुड़े रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का संचालन होगा जबकि देवरिया के महाविद्यालय में कला संकाय से जुड़े पाठ्यक्रम संचालित होंगे। महाविद्यालयों के लिए जल्द ही बाजार के मुताबिक पाठ्यक्रमों का चयन भी कर लिया जाएगा। बीते दिनों विश्वविद्यालय की ओर प्रस्तावित कई नए रोजगार पाठ्यक्रम इन महाविद्यालयों में संचालित किए जा सकते हैं। संकायवार पाठ्यक्रमों के संचालन की मॉनिटङ्क्षरग विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग द्वारा की जाएगी।

कुलपति प्रो. राजेश सिंह का कहना है कि संघटक महाविद्यालयों के संचालन की कार्ययोजना शासन की ओर से मांगी गई है। कार्ययोजना तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है। जल्द इसे शासन को प्रेषित कर दिया जाएगा। दोनों ही महाविद्यालयों से बाजार की मांग की मुताबिक रोजगारपरक पाठ्यक्रम चलाने की योजना है।


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