Gorakhpur University : B.A. की 95, B.Com की 86 फीसद सीटें रह जाएंगी खाली Gorakhpur News
गोरखपुर विश्वविद्यालय में इस वर्ष 95 फीसद सीटें छात्रों के इंतजार में खाली रह जाएंगी। बीए में कुल 200351 सीटें हैं लेकिन प्रवेश के लिए दावेदार हैं महज 11371 यानी 5.67 फीसद।
गोरखपुर, क्षितिज पांडेय। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में इस वर्ष विद्यार्थियों के लाले पड़े हैंं। एक ओर साल-दर-साल छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। वहीं इस वर्ष सवर्ण आरक्षण के चलते 10 से 25 फीसद तक सीटों का इजाफा कर दिया गया। स्थिति ऐसी है कि सीटें तो बढ़ गईं लेकिन पढऩे वाले नहीं हैं। जिस केंद्रीयकृत प्रवेश व्यवस्था को छात्र हित के लिए उपयोगी बताया गया, उससे इतने भी छात्र नहीं मिल पा रहे कि कॉलेजों का सामान्य संचालन हो सके।
बीए का उदाहरण लें तो इस बार इसमें 95 फीसद सीटें छात्रों के इंतजार में खाली रह जाएंगी। बीए में कुल 200,351 सीटें हैं लेकिन प्रवेश के लिए दावेदार हैं महज 11371 यानी 5.67 फीसद। बीएससी जैसे महत्वपूर्ण कहे जाने वाले कोर्स की हालत भी ऐसी ही है। बीएससी गणित की 71 फीसद और जीव विज्ञान की 93 फीसद सीटों पर कोई पढऩे वाला नहीं है। बीकाम की कुल 31574 सीटों के लिए महज 4684 अभ्यर्थी प्रवेश लेने को इच्छुक हैं।
पिछले साल से बदतर हुए हालात
विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के स्नातक कोर्सों में दाखिले को पिछले वर्ष से संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित हो रही है। पिछले वर्ष भी आवेदनों की संख्या नाम मात्र की थी, लेकिन विवि ने 'पहली बारÓ का हवाला देते हुए सारी शिकायतों का दरकिनार कर दिया और संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजन को सफल करार दिया। अब इस साल तो हालात और बदतर हो गए हैं। बीए में पिछले साल जैसे-तैसे 24 हजार आवेदन मिल गए थे, इस बार तो आंकड़ा 13 हजार पर सिमट गया। उसमें भी डेढ़ हजार ने प्रवेश परीक्षा नहीं दी। बीएससी गणित, बॉयो, बीकॉम सभी में प्रवेश आवेदन पिछले वर्ष की तुलना में कम हुए हैं।
प्रवेश की छूट नहीं मिली तो कॉलेजों पर लगेगा ताला
विवि की प्रवेश समिति ने बगैर संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए किसी अभ्यर्थी का किसी महाविद्यालय में दाखिला लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले वर्ष भी ऐसे प्रतिबंध थे, लेकिन बाद में खराब हालत को देखते हुए विवि ने पुनर्विचार किया और कॉलेजों को सीधे प्रवेश लेने का अधिकार मिला। इसके चलते छात्र संख्या में इजाफा हुआ और करीब स्नातक में 2.85 लाख छात्रों का दाखिला हुआ। अगर इस बार भी ऐसा न हुआ तो कई निजी कॉलेजों में ताला लगाने तक की नौबत आ जाएगी। कई निजी कॉलेज प्रबंधन इस व्यवस्था से खासा परेशान हैं।
कोर्स - कुल सीटें - प्रवेशार्थी
बीए - 200,351 - 11371
बीएससी बॉयो - 21898 - 6030
बीएससी गणित - 22364 - 6606
बीकॉम - 31574 - 4684
बीबीए - 165-417
बीसीए - 198-782
बीएससी कृषि - 375-2427
यह सही है कि सीटों के सापेक्ष आवेदन कम प्राप्त हुए हैं और प्रवेश समिति ने निर्णय लिया है कि कहीं भी ऐसा कोई छात्र दाखिला नहीं पा सकता जिसने संयुक्त प्रवेश परीक्षा न दी हो। कॉलेजों को सीधे प्रवेश लेने के अधिकार देने पर फिलहाल कोई विचार नहीं हो रहा। - प्रो. राजवंत राव, समन्वयक, प्रवेश प्रकोष्ठ
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप